भागलपुर के डाक्टर पति-पत्नी की घरेलू कलह, एक ने कहा कि तुम फोन पर कहां लगी रहती हो? दूसरे ने थाने में खोली पोल
भागलपुर में एक चिकित्सक की घरेलू कलह सामने आयी है। यहां के एक चिकित्सक दंपती ने एक-दूसरे पर खूब आरोप लगाए हैं। पत्नी के लगातार घंटों फोन पर लगे रहने के कारण पति नाराज हो गया। इस पर पत्नी ने पति को कहा कि तुम पहले अपने आप को झांको।
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। सिल्क सिटी भागलपुर के एक चिकित्सक अपनी बीबी से आजिज हो झल्ला-झल्ला कर हलकान हैं। अच्छे प्रोफेशन में हैं। सामाजिक प्रतिष्ठा का ख्याल रख पहले तो खूब बर्दाश्त किया। रोका-टोकी करने लगे। शक्की स्वभाव के डाक्टर साहब को यह बात काफी खलती कि पत्नी घंटों मोबाइल पर चिपकी रहती। सोमवार की रात तो उन्होंने रोका-टोकी छोड़ एक-दो हाथ भी दे मारा।
चोटिल होने से आहत पत्नी भी गुस्से से धधक उठी। आखिर वह भी चिकित्सक ठहरीं, उसको भी अपने प्रतिष्ठा का ख्याल आया। पहले तो वह पति को सौ लानत देते हुए एक ही सांस में कई इल्जाम लगा डाले। यहां तक कह डाला कि हमें पता है कि आप क्या-क्या करते हो। पहले खुद के अंदर झांक लो फिर उसपर तोहमत जड़ो। बहुत गलत बात जो आप मेरे ऊपर हाथ उठा दिया। वह चोटिल हालत में गुस्से से तमतमाते हुए चंद फर्लांग दूरी स्थित थाने चली गई। थाने पर जाकर थानाध्यक्ष को घटना की जानकारी दी। उसे चोटिल हाल में देख थानाध्यक्ष ने जख्म प्रतिवेदन बना उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए लोक नायक जयप्रकाश सदर अस्पताल भेज दिया।
उन्हें अनुरोध भी किया कि वह पति के विरुद्ध् एक लिखित अर्जी दे दें ताकि केस दर्ज हो सके। थानाध्यक्ष ने हालांकि संभ्रांत परिवार होने का हवाला दे पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को कलह में बदलने से रोकने की भी सलाह दी। तब पत्नी तो तमतमाए थाने से बिना लिखित अर्जी दिए चली गई। मंगलवार की सुबह तक पत्नी का गुस्सा काफूर हो गया। पति-पत्नी के बीच सोमवार की रात दुबारा आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। दोनों ने एक-दूसरे पर खूब आरोप लगाए लेकिन फिर शांत भी हुए। दोनों को आया सातवें आसमान का गुस्सा जब शांत हुआ तो एक-दूसरे को सारी कह फिर गले लग गए हैं।
दोनों चिकित्सक दंपति को जानने वाले कहते हैं कि उनका आपस में रिश्ता बीते तीन सालों से बनता-बिगड़ता रहता है। करीब दो साल पूर्व कोतवाली अंचल के एक थाने में मारपीट का केस भी दर्ज हुआ था। बताया जा रहा है कि शक से लबरेज मियां-बीबी की इस लड़ाई में पत्नी का पलड़ा भारी हो जाता है। इधर थानाध्यक्ष की पीड़ा है कि हाइ-प्रोफाइल मामले में पत्नी की इंज्यूरी काटने के बाद भी उनके लिखित अर्जी का इंजजार कर रहे हैं। जख्मी महिला चिकित्सक को फोन भी घुमा चुके हैं।