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बचपन के मोटापे को नजर अंदाज नहीं करें, बाद में झेलनी होगी परेशानी Bhagalpur News

किशोरवस्था में बच्चों की लाइफ स्टाइल में बदलाव और खानपान सही तरीके से नहीं होने पर भी वे मोटापा के शिकार हो जाते है। इसमें जंक फूड की अहम् भूमिका है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 01:51 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 02:19 PM (IST)
बचपन के मोटापे को नजर अंदाज नहीं करें, बाद में झेलनी होगी परेशानी Bhagalpur News
बचपन के मोटापे को नजर अंदाज नहीं करें, बाद में झेलनी होगी परेशानी Bhagalpur News

भागलपुर [अशोक अनंत]। ज्यादातर माता-पिता बच्चों को गोलमटोल क्यूट देखना पसंद करते हैं। मेडिकल साइंस के मुताबिक क्यूट और मोटा बच्चा में अंतर होता है। बचपन में मोटापा को अगर कंट्रोल नहीं किया जाय तो भविष्य में बीपी और मधुमेह से बच्चे ग्रसित हो सकते हैं। किशोरवस्था में बच्चों की लाइफ स्टाइल में बदलाव और खानपान सही तरीके से नहीं होने पर भी वे मोटापा के शिकार हो जाते है। इसमें जंक फूड की अहम् भूमिका है। जिसमें ज्यादा कैलारी मिलती है। भागलपुर में भी ऐसे बच्चों का इलाज किया जाता है जो मोटापा की वजह से कई बीमारियों से पीडि़त हैं।

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मोटापा से होने वाली बीमारियां

मोटापा की वजह से बच्चे तनाव में रहते हैं। इसके अलावा स्लीप एप्रिया, आत्मसम्मान की कमी, बीपी, मधुमेह और हार्ट अटैक तक हो सकता है। दमा होने की भी संभावना रहती है, हड्डी कमजोर होती है।

देश में 2.75 करोड़ बच्चे मोटापा के शिकार

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया के सर्वें के मुताबिक सबसे ज्यादा मोटे बच्चे चीन में हैं। दूसरा स्थान भारत का है जहां 2.75 करोड़ बच्चों में मोटापा है। पांच वर्ष से लेकर 10 वर्ष के कुल 122 बच्चों पर शोध करने पर यह जानकारी मिली कि एफटीओ जीन की वजह से बच्चे ज्यादा कैलोरी ग्रहण करने लगते हैं। आगे चलकर उनका वजन बढ़ जाता है। वर्ल्‍ड ओबिसीटी फेडरेशन के सर्वे में पाया गया कि विश्व में 15 करोड़ बच्चे मोटापा से ग्रस्त है। आने वाले 10 वर्षों में इनकी संख्या 25 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

मोटापा होने की वजह

व्यायाम या शारीरिक श्रम में कमी, जंकफूड का बढ़ता चलन, मोबाइल या टीवी में ज्यादा वक्त देना, ज्यादा समय तक वाहनों से यात्रा करना आदि।

बिहार में 6.8 बच्चे मोटापा के शिकार

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के सर्वे के अनुसार बिहार में 6.8, दिल्ली में 23.1, गोवा में 22.3, राजस्थान में 10, छत्तीसगढ़ में 9.9, हरियाणा में 14.4, झारखंड में 8.6, मध्य प्रदेश में 8.2, हरियाणा में 14.4, हिमाचल प्रदेश में 18.5, पंजाब में 12.1, महाराष्ट्र में 14.9 और गुजरात में 13.1 फीसद बच्चे में मोटापा के शिकार हैं। वहीं स्थानीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल शिशु विभाग के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा ने कहा कि जिला में भी चार फीसद बच्चे मोटापा के शिकार हैं।

जंक फूड से मिलती है अधिक कैलोरी

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिंघानिया के मुताबिक जंक फूड और पैक्ड फूड में नमक, फैट, एवं कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में रहता है। अधिक मात्रा में कैलोरी लेने से धमनियों में जमने लगती है। इसकी वजह से हार्ट और ब्रेन का रक्त संचार प्रभावित होता है।

डॉ. कुमार गौरव (प्राध्यापक, मानसिक रोग विभाग, जेएलएनएमसीएच) ने कहा कि मोटापा के शिकार बच्चे तनाव में रहते हैं। ज्यादातर बच्चे कक्षाओं में पीछे बैठते हैं। नींद में भी कमी और पढ़ाई में मन नहीं लगता। ऐसे बच्चों का सप्ताह में दो-तीन बच्चों का इलाज मानसिक रोग विभाग में किया जाता है।


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