Move to Jagran APP

कोरोना काल में न डरे ना हारे, हौसले से गढ़ दी रोजगार की कहानी

-कोरोना में परदेस से काम छोड़कर घर आए थे। रोजगार के तलाश के बजाय स्‍वरोजगार शुरू किया। शर्ट-पेंट बनाने लगे । आज खुद का बनाया हुआ गारमेंट राज्‍य के विभिन्‍न शहरों में खूब बिक रही है। यूं कहे कि कोरोना संकट ने जीवन में एक नया अवसर प्रदान किया

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 07:10 AM (IST)
कोरोना काल में न डरे ना हारे, हौसले से गढ़ दी रोजगार की कहानी
-विभिन्न शहरों में बिक रहा है इनका गारमेंट

जागरण संवाददाता, जमुई। कोराना काल में ङ्क्षजदगी जहां ठहर गई, मजदूरी छीन गई वहीं कुछ ऐसे भी निकले जो इस कोरोना काल से डरे न हारे बल्कि अपने हौसले से एक नई कहानी गढ़ दी। नक्सल प्रभावित खैरा प्रखंड अंतर्गत विशनपुर पंचायत के आधा दर्जन युवक कपड़े का व्यापार खड़ा कर खुद को रोजगार तो दिया ही अब दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। रोजगार पाकर इन युवकों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।

loksabha election banner

आपदा को बदला अवसर में

मार्च के महीने में जब उद्योग, धंधे बंद हो गए तो दिल्ली में कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले अवधेश कुमार तांती, विपिन कुमार, चंदन, संतोष नीतेश अपने घर लौट आए। गांव आकर काम के लिए मुहताज हुए तो खुद की सोच पर काम करना शुरु कर दिया। इन युवकों ने आपस में ढाई लाख रुपये की राशि जुटा कपड़ा सीने की मशानें और फेबरिक खरीद ली और पेंट, शर्ट आदि तैयार करना शुरु कर दिया। कुछ दी दिनों में शर्ट-पेंट बनाने के ऑडर्र मिलने लगे। काम बढ़ा तो और लोगों की जरूरत पड़ी तो गांव व आसपास के अन्य युवकों को भी साथ कर लिया। अब सब मिलकर काम करते हैं और अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

बाजार की दुकानों में बिक रहा कपड़ा

इन युवकों द्वारा बनाया गया पैंट, शर्ट सहित अन्य गारमेंट स्थानीय बाजार की दुकानों में बिक रहा है। इससे इन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। अवधेश बताते हैं कि उनके तथा साथ काम करने वाले युवकों द्वारा बनाया गया कपड़ा, जमुई, सोनो, खैरा तथा आसपास के अन्य बाजारों में खूब बिक रहा है। वे बताते हैं कि कोलकाता से कपड़ा लाकर पैंट, शर्ट आदि गारमेंट तैयार करते हैं।

सरकारी मदद मिले तो व्यवसाय को मिलेगा बढ़ावा

कपड़ा तैयार करने वाले युवकों को सरकार से मदद की आस है। युवकों का कहना है कि सरकारी स्तर पर ऋण मिले तो रोजगार को बढ़ावा मिल सकता है। युवकों का यह भी कहना कि इस व्यवसाय में मन लगने के बाद अब उन्हें काम की तलाश में बाहर जाने की जरूरत नहीं रह गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.