दिव्यांग अब जीएंगे सुखद और खुशहाल जीवन, यूनिक कार्ड से जोड़ने की चल रही है तैयारी
यूनिक आईकार्ड नामक स्मार्ट कार्ड प्रदान करने की योजना बनाई है। इस आधार पर दिव्यांगों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस बनेगा। कार्ड प्राप्त करनेवाले दिव्यांगों को देशभर में कहीं भी अब अपना प्रमाणपत्र ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
जागरण संवाददाता, सहरसा । दिव्यांगों को खुशहाल और सुखद जीवन जीने के लिए सरकार ने इनलोगों को यूनिक आईकार्ड नामक स्मार्ट कार्ड प्रदान करने की योजना बनाई है। इस आधार पर दिव्यांगों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर डाटाबेस बनेगा। कार्ड प्राप्त करनेवाले दिव्यांगों को देशभर में कहीं भी अब अपना प्रमाणपत्र ले जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। स्मार्ट कार्ड के डाटाबेस के माध्यम से उन्हें बिना दिव्यांगता प्रमाण पत्र के पूरे देश में योजनाओं से लाभांवित किया जा सकेगा। इसके लिए सरकारी स्तर पर कार्रवाई प्रारंभ हो गया है। इस योजना से दिव्यांगता बाहुल्य कोसी क्षेत्र के हजारो लोग लाभांवित होंगे।
40 फीसद से अधिक दिव्यांगता वालों को मिलेगा लाभ
सरकार की इस योजना के तहत 40 फीसद से अधिक दिव्यांगता वाले लोगों को स्वालंबलन कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। इस कोटि में जिले के लगभग 25 हजार दिव्यांग शामिल है। इन लोगों के कागजात के सत्यापन उपरांत ऑनलाईन कर कार्ड निर्गत करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कार्ड दिव्यांगों का एकल प्रमाणपत्र होगा, जिसके आधार पर देशभर में उन्हें दिव्यांगजनों के लिए लागू योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
चिप के माध्यम से दिव्यांगों की होगी पहचान
दिव्यांगजनों को दिए जानेवाले इस बहुदेश्यीय स्मार्ट कार्ड में एक चिप लगा होगा। इसके लिए दिव्यांग कल्याण विभाग में एक साफ्टवेयर सिस्टजम लगा रहेगा। कार्ड की इंट्री होते ही आसानी से दिव्यांग की पहचान की जा सकेगी। इस कार्ड के जरिए संबंधित व्यक्ति के शारीरिक और वित्तीय प्रगति की भी ट्रैकिंग की जा सकेगी। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कहीं भी अपनी दिव्यांगता प्रमाण पत्र साथ ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्या कहते हैं सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक
सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक सत्यकाम ने कहा कि यूडीआईडी कार्ड दिव्यांगजनों के लिए एकल दस्तावेज होगा, जिसके माध्यम से वे देशभर में कहीं भी उनकी पहचान की जा सकेगी और इस आधार पर उन्हें सरकार की योजना का लाभ मिल सकेगा।