कलम आज उनकी जय बोल: दिनकर जयंती पर नयागांव में विराट आयोजन कल
राष्ट्रकवि की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा।
खगड़िया (उपेंद्र):'पीकर जिनकी लाल शिखाएं, उगल रही लू-लपट दिशाएं, जिनके ¨सहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल,
कलम आज उनकी जय बोल।' राष्ट्रकवि रामधारी ¨सह दिनकर रचित यह प्रसिद्ध कविता आज स्थानीय नयागांव की फिजा में गूंज रही है। वहां एक बार फिर दिनकर जी की याद ताजा हो उठी है। जब दिनकर जी भागलपुर विश्वविद्यालय में कुलपति(1962) थे, तो वे अक्सर नयागांव आने थे। वे श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय नयागांव(अब इंटर स्तरीय) भी आए थे।
इस वर्ष राष्ट्रकवि दिनकर की 110वीं जयंती है। इस अवसर पर वहां विराट आयोजन हो रहा है। उसे सफल बनाने में नया गांव स्थित मध्य विद्यालय परिवार, श्रीकृष्ण इंटर विद्यालय परिवार, राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक समिति व श्रीकृष्ण स्मारक समिति अहम भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रकवि दिनकर स्मारक समिति के शैलेंद्र कुमार उर्फ शैलेश कहते हैं- 23 सितंबर को मध्य विद्यालय नयागांव में राष्ट्रकवि की आदमकद प्रतिमा का अनावरण होगा। वहां राष्ट्रकवि दिनकर पथ और राष्ट्रकवि दिनकर द्वार का उद्घाटन भी किया जाएगा। इस अवसर पर 400 पौधे भी लगाए जाएंगे। कार्यक्रम में परबत्ता विधायक व पूर्व मंत्री आरएन ¨सह, डॉ. संजीव कुमार, जिलाधिकारी अनिरुद्ध कुमार, डीडीसी राम¨नरजन ¨सह समेत कवि कैलाश झा ¨ककर आदि शिरकत करेंगे। इस समारोह के लिए नयागांव मध्य विद्यालय व श्रीकृष्ण इंटर विद्यालय को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा जा रहा है। संपूर्ण गांव में उत्साह का आलम है। रह-रहकर दिनकर की चर्चित पंक्ति गूंजने लगती है- 'सुनूं क्या ¨सधु, मैं गर्जन तुम्हारा, स्वयं युग-धर्म का हुंकार हूं मैं..। ' कोट
'नयागांव में दिनकर जयंती पर विराट कार्यक्रम की सूचना मिली है। उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण हो रहा है। यह सुखद बात है। आज दिनकर की रचनाएं पहले से ज्यादा प्रासंगिक हो उठी हैं। उनकी रचना-विचार का भी फैलाव हो रहा है। दिनकर ग्राम सिमरिया की जनता इस महती आयोजन के लिए नयागांव के साहित्य प्रेमियों का अभिनंदन करती है।'
- मुचकुंद मोनू, युवा आलोचक व सचिव, दिनकर स्मृति विकास समिति, सिमरिया। - 23 को है राष्ट्रकवि रामधारी ¨सह दिनकर की 110वीं जयंती