Move to Jagran APP

भिखुर्द पंचायत में विकास कार्यों को लगी नजर, शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं, 2300 से अधिक लोगों पानी के भटक रहे

12 हजार की आबादी वाले भिखुर्द पंचायत के लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल रहा है। जबकि पीएचईडी विभाग 15938800 की लागत से पंप की क्षमता 12.5 एचपी और 5 एचपी का 20 हजार गैलन की टंकी बनाकर वर्ष 2016 से ही जलापूर्ति शुरु किया गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 10:24 AM (IST)
भिखुर्द पंचायत में विकास कार्यों को लगी नजर, शुद्ध पानी भी मयस्सर नहीं, 2300 से अधिक लोगों पानी के भटक रहे
भागलपुर में सात निश्चय योजना की स्थिति ठीक नहीं है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। संवाद सूत्र, बाथ-सुल्तानगंज : भिखुर्द पंचायत के विकास कार्यों को किसी की नजर लग गई है। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी यहां के सात वार्डों के 2300 से भी अधिक लोगों को अभी तक शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। पंचायत के दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ और नौ वार्ड उधाडीह जबकि एक वार्ड दो किलोमीटर दूर तरैटा गांव में पड़ता है।

loksabha election banner

शुद्ध पानी मिले, यही है आस

महादलित टोला के लोग कहते हैं कि मेरे पूर्वज को तो शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुआ। अब देखना है कि हमलोगों को मीठा पानी मिल पाता है या नहीं।

ग्रामीणों ने कहा कि उधाडीह गांव में तीन वर्ष पूर्व जब पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए थे तो टोले में पाइप बिछाकर नल लगा दिया गया। दूसरी बार नीतीश बाबू के आने की बात हुई तो नल में पानी आने लगा। पर जैसे ही वे गए पानी भी चला गया।

मुखिया कहते हैं पूरे पंचायत में पीएचईडी विभाग को पेयजल की व्यवस्था करनी है। वहीं, पीएचईडी के एसडीओ बोले- छूटे हुए वार्डों में पाइपलाइन कनेक्शन का प्रस्ताव भेजा गया है।

कहां क्या स्थिति

उधाडीह वार्ड संख्या तीन

यहां महादलित और अन्य टोलों को मिलकार 350 से अधिक लोग रहते हैं। इनमें से कई घरों में पीएचईडी द्वारा पाइपलाइन बिछाकर जगह-जगह नल तो लगा दिया गया पर देखरेख नहीं होने पर वे क्षतिग्रस्त हो गए। कई जगहों पर पाइप व नल का कनेक्शन भी नहीं किया गया है। एक चापाकल पर यहां की बड़ी आबादी निर्भर है।

उधाडीह गांव वार्ड संख्या आठ

यहां तांती, मंडल, यादव व बिंद टोला में लगभग 600 से अधिक लोग रहते हैं। यहां पाइपलाइन बिछाकर नल तो लगाया गया पर देखरेख नहीं होने से वह क्षतिग्रस्त हो गया है। पानी सप्लाई बंद है। लोग कुआं व चापाकल के भरोसे हैं।

उधाडीह गांव वार्ड संख्या सात

यहां लगभग 355 से अधिक लोग रहते हैं। पाइपलाइन का कनेक्शन कहीं हुआ है तो कहीं नहीं। पीने के लिए दूर से लाना पड़ता है।

उधाडीह गांव वार्ड संख्या चार

यहां की आबादी 250 से अधिक की है। ज्यादातर घरों में पाइप लाइन कनेक्शन भी नहीं हुआ है। जहां हुआ है वहां समय पर पानी नहीं आता।

उधाडीह गांव वार्ड संख्या छह

लगभग 175 से अधिक लोग रहते हैं। यहां न तो पाइप बिछाई गई है और न ही नल लगाया गया है। कुआं व चापाकल के भरोसे लोग हैं।

उधाडीह गांव वार्ड संख्या पांच

यहां लगभग 250 से अधिक की आबादी वाले घरों में अब तक पाइपलाइन कनेक्शन नहीं हुआ है। लोग शुद्ध पेयजल से वंचित हैं।

तरैटा गांव वार्ड संख्या एक

लगभग एक हजार से अधिक की आबादी है। एक बोङ्क्षरग हुआ है पर टंकी नहीं लगाया गया है। पूरे गांव में घर-घर कनेक्शन भी नहीं हुआ है। मुख्य-मुख्य जगह पर पाइपलाइन कनेक्शन कर नल लगाया गया है। कहीं पानी पहुंचता है तो कहीं नहीं।

कहते हैं ग्रामीण

ग्रामीण कहते हैं कि पूर्व में पांच एचपी का मोटर था। जलने के बाद तीन एचपी का मोटर लगा दिया है। जिस वजह से प्रेसर ही नहीं बन पाता है।

पूरे पंचायत को पेयजल उपलब्ध कराने का जिम्मा पीएचईडी का है। पंचायत में 60 प्रतिशत लोगों को पानी मिल रहा है। अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराने के लिए जनप्रतिनिधि के द्वारा पीएचईडी विभाग को बार-बार लिखित सूचना दी जा रही है, लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा।

- संजीव कुमार सुमन, भिर्खुद पंचायत के मुखिया

भिर्खुद पंचायत में वर्ष 2019 में पाइप लाइन का कार्य किया गया था। कई गलियां छूट गई हैं। इसकी जानकारी मिली है। प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है। स्वीकृत होते ही कार्य करा दिया जाएगा।

- अंजनी कुमार, एसडीओ पीएचईडी  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.