जमालपुर में करोड़ों खर्च के बाद भी शहरवासियों की नहीं बुझ रही प्यास, जानिए वजह
34 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी शहरवासियों की प्यास नहीं बुझी है। विडंबना यह है कि इस राशि से बने चार जलमीनार खुद पानी के इंतजार में है। पानी के अभाव में जल मीनार भी शोभा की वस्तु बन कर रह गई है।
जागरण संवाददाता, मुंगेर । शहरी जलापूर्ति योजना पर लगभग 34 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी शहरवासियों की प्यास नहीं बुझी है। विडंबना यह है कि इस राशि से बने चार जलमीनार खुद पानी के इंतजार में है। पानी के अभाव में जल मीनार भी शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। जल मीनार से पानी निकलने की उम्मीद पर अब एक बार फिर से पानी फिरने की आशंका उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अतिमहत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल शहरी जलापूर्ति योजना का कार्य अब एक बार फिर राशि के अभाव में ठप पड़ गया है।
रेलवे से एनओसी के पेच में फंसा पाइप बिछाने का कार्य
कार्यकारी एजेंसी बुडको द्वारा हर घर नल के कनेक्शन के लिए पाइप बिछाने का कार्य किया जा रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलमीनार और जलमीनार से शहरवासियों के घर तक पाइप लाइन जानेवाली सड़क जो जगदीशपुर के निकट रेलवे के ब्रीज से गुजरती है, यह एक बार फिर से रेलवे से एनओसी के पेंच में फंस गई है। एनओसी प्राप्त करने में राशि की अनुपलब्धता कार्य में बाधक बन गई है।
अब जबतक विभाग को नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा राशि नहीं मुहैया कराई जाती है, तब तक कार्य अधर में ही लटका रहेगा। यहां जानकारी हो की जलापूर्ति योजना की शुरुआत वर्ष 2008-09 में पीएचइडी विभाग द्वारा आरंभ कराई गई थी। इसके तहत गंगा के पानी को मुंगेर से जमालपुर पहुंचाने का जिम्मा कार्यकारी एजेंसी जिंदल इन्फोटेक लिमिटेड को दिया गया था। कभी राशि की कमी, तो कभी एनओसी का लफड़ा, कार्य पूर्ण होने में लगातार ही बाधक बनता रहा। अब जब शहरवासियों को पाइप लाइन बिछाने के कार्य से उम्मीदें जगी तो राशि का अभाव कार्य पूर्ण होने में सबसे बड़ी रोड़ा बन सामने आकर खड़ी हो गई।
पूर्व मंत्री शैलेश की पहल के बाद दो बार मिली राशि
योजना पूर्ण होने में पहले भी राशि की कमी की बात सामने आई थी। जिसे तत्कालीन विधायक सह सूबे के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने गंभीरता से लेते हुए नगर विकास विभाग एवं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री के साथ वार्ता कर उच्च स्तरीय बैठक कर राशि उपलब्ध कराई थी। तब कही जाकर कार्य आरंभ हो पाया था। अब एक बार फिर राशि की कमी की बात सामने आने से शहरवासी सकते में आ गए हैं। लोगों की निगाहें अब वर्तमान विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पर टिकी हुई है।
बोले अधिकारी
इस संबंध में पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता अजीत कुमार ने बताया कि शहरी जलापूर्ति योजना का कार्य अब एक बार फिर राशि के अभाव में ठप पड़ गया है। जबतक विभाग द्वारा राशि नहीं मुहैया कराई जाती, तब तक कार्य होना संभव नहीं है। जलमीनार से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने में रेलवे से एनओसी की आवश्यकता है। जिसमें लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये की आवश्यकता है। नगर विकास एवं आवास विभाग को राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। जबतक रेलवे से एनओसी नहीं मिल जाती है, तबतक योजना पूर्ण होना संभव नहीं है। ऐसे में एक बार फिर से शहरवासियों को गर्मी के दिनों में पेयजल की किल्लत से जूझना पड़ेगा।