बिहार पंचायत चुनाव में बढ़ी फूलों की मांग, कोसी और सीमांचल के किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान
बिहार पंचायत चुनाव में फूलों की मांग बढ़ गई है। इससे कोसी और सीमांचल के किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। दरअसल यहां पर पिछले कुछ सालों से कई किसान फूलों की खेती कर रहे हैं। ऐसे में...!
जागरण संवाददाता, सुपौल। कृषि विभाग की पहल पर पिछले वर्ष पहली बार जिले में 4 एकड़ खेतों में गेंदा फूल की खेती की गई थी। जिले के लगभग दर्जनभर किसानों ने विभाग की मदद से खेतों में गेंदा की रोपाई की थी। विभागीय प्रयास और किसानों की मेहनत रंग दिखाई और गेंदा के पौधे में खूब फूल लगे। परंतु कोरोना संक्रमण के कारण लागू लाकडाउन ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
लाकडाउन के कारण धार्मिक स्थलों को बंद करने के साथ-साथ मांगलिक कार्यों पर भी रोक लग जाने से फूलों का बाजार मंदा हो गया। अब जबकि संक्रमण लगभग समाप्ति पर है और लाकडाउन में छूट दे दी गई है तो फूल के किसानों के चेहरे पर रौनक लौटने की उम्मीद जग चुकी है। किसानों को लग रहा है कि पंचायत चुनाव और कुछ दिनों के बाद नवरात्र शुरू होने पर फूलों की डिमांड बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में मांग के अनुरूप फूलों का दाम बढऩा स्वाभाविक है।
पंचायत चुनाव में फूल की बढ़ी मांग
एक एकड़ खेत में गेंदा फूल की खेती कर रहे पिपरा प्रखंड के कटैया माहे के किसान परमेश्वरी मंडल बताते हैं कि पंचायत चुनाव को लेकर जब से नामांकन का कार्य शुरू हुआ है फूलों की डिमांड बढऩे लगी है। फूलों के थोक विक्रेता खेतों पर पहुंचने लगे हैं। बताया कि नामांकन से पहले प्रत्याशियों द्वारा पूजा-पाठ किया जाता है। नामांकन के दौरान भी समर्थकों द्वारा प्रत्याशियों को फूल का माला पहनाया जाता है। खासकर गेंदा फूल का माला शुभ माना जाता है।
जिसके कारण फूल की मांग बढ़ी है। जाहिर सी बात है कि ङ्क्षडमाग बढऩे के कारण व्यापारी फूल की कीमत भी अच्छी खासी देने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान फूलों की बिक्री नहीं हो रही थी। जिसके कारण खेतों में ही फूल को छोड़ देने की व्यवस्था थी। लेकिन अब ऐसी बात नहीं है, खरीदने वाले के साथ-साथ कीमत भी अच्छी खासी मिल रही है। आगे शारदीय नवरात्रा है व्यापारी अभी से ही फूल की अग्रिम बुङ्क्षकग कर रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में फूल की खेती उनकी तरक्की की राह को मजबूत करेगी।
कहते हैं कारोबारी
कारोबारी मिथिलेश कुमार, नंदन चौधरी, महेश चौधरी ने बताया कि जब से पंचायत चुनाव की आहट शुरू हुई है फूलों की बाजार में तेजी आई है। जो माला 20 से 30 रुपये में कोई पूछने वाला नहीं था अब उसकी कीमत 50 से 70 रुपये आसानी से दे देते हैं। यहां तक कि फूलों का आर्डर अग्रिम मिल जा रहा है। बाजार को देख वे लोग भी किसानों को कीमत पहले से बढ़ा कर दे रहे हैं। बताया कि नवरात्रा में फूलों की बढ़ी मांग को देखते हुए वे लोग अभी से ही फूल उत्पादक किसानों को अग्रिम देकर बुक करा रहे हैं। इसके अलावा वह सब जिले से बाहर से भी फूल की मांग कर रहे हैं। ताकि मांग के अनुरूप फूलों की आपूर्ति की जा सके।