गुजरात से श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से आ रहे दरभंगा के एक प्रवासी की मौत, भागलपुर में उतारे गए
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने और इसके प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। लेकिन प्रवासियों को ट्रेन से घर भेजा जा रहा है। इसी दौरान एक प्रवासी की मौत हो गई।
भागलपुर, जेएनएन। गुजरात के वापी से पहुंची श्रमिक ट्रेन से पहुंचे दरभंगा के वभनटोली निवासी लाल बाबू कामत (52 वर्ष) की मौत हो गई। शव को पोस्टमार्ट के लिए जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा कॉलेज में किया गया। पोस्टमार्टम से पहले प्रवासी का कोरोना जांच के लिए सैंपल भी लिए गए। रेल थाना में यूडी केस दर्ज किया गया है। लाल बाबू कामत वापी में 15 वर्षों से गार्ड का काम करते थे। पत्नी कृष्णा देवी ने बताया कि तीन बेटी और एक बेटे के साथ सभी साथ में रहते थे। जनवरी में उन्हें लकवा के शिकार हुए थे। इलाज के बाद तबीयत ठीक हो गई थी। इस बीच अप्रैल में तबीयत फिर खराब हो गई। लॉकडाउन के बाद भी सरकारी अस्पताल में इलाज कराए।
23 मई को ट्रेन से हुए थे सवार
23 मई को गुजारात के वापी से भागलपुर के लिए खुली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में परिवार के साथ सवार हुए। रास्ते में तबीयत खराब हो गई। जो दवाइयां पहले से चल रही थी। उसे दिया गया, लेकिन ठीक नहीं हुई। जमालपुर से ट्रेन खुलने के बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया। रेल थानाध्यक्ष अरिवंद कुमार ने बताया कि ट्रेन पहुंचने के बाद शव को रेल थाना लाया गया। इसके बाद पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
एक घंटे शव के साथ स्वजनों ने किया सफर
प्रवासी लाल बाबू कामत की मौत जमालपुर से श्रमिक ट्रेन के खुलने के बाद हो गई थी। जमालपुर से सुबह 8.30 के पास भागलपुर आने में श्रमिक ट्रेन खुली थी। 9.40 के पास ट्रेन भागलपुर पहुंची। ऐसे में एक घंटे स्वजन शव के साथ सफर किए। पत्नी ने बताया कि पति के तबियत खराब की सूचना रेलवे को नहीं दी गई थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर रेलवे की ओर से भोजन उपलब्ध कराया गया था। पत्नी कृष्णा देवी घटना की जानकारी अपने पंचायत की मुखिया को भी दी।