समय सीमा पूरा, नल-जल का काम अब भी अधूरा, पानी के लिए भटक रहे लोग
पहले 15 जून तक सभी घरों में पेयजल पहुंचाने की घोषणा की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया। बढ़ाए गए समय में काम पूरा नहीं होने के कारण 30 जुलाई 30 अगस्त और अब 20 अक्टूबर कर दिया गया है।
मधेपुरा, जेएनएन। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल योजना का हाल बेहाल है। यहां शुद्ध पेयजल के लिए लोगों को अब भी इंजतार करना होगा। जिले के बिहारीगंज प्रखंड में पेयजल नहीं सिर्फ मिल रही है तारीख। पहले 15 जून तक सभी घरों में पेयजल पहुंचाने की घोषणा की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया। बढ़ाए गए समय में काम पूरा नहीं होने के कारण 30 जुलाई, 30 अगस्त और अब 20 अक्टूबर कर दिया गया है। लेकिन इस तिथि तक भी घरों तक पेयजल पहुंचने में शंशय है। कई जगहों पर पाइप बिछाने का काम धीमी गति से चल रहा है।
कहीं आधी अधूरी पाइप बिछी है तो कहीं नल-पाइप ढेर लगाकर रखा है। कई चयनित स्थलों पर महीनों से बोरिंग कार्य कराकर छोड़ दिया गया है। प्रखंड क्षेत्र के 164 वार्ड में 161 वार्ड के चिन्हित स्थलों पर बोरिंग एवं अन्य कार्य करा लिया गया है। इसमें मोहनपुर पंचायत में 12 व मधुकरचक पंचायत के छह वार्डों मे हीं पानी सप्लाई शुरू किया जा सका है। इसके आलावा बभनगामा के पांच वार्ड कार्य पूर्ण करा कर ट्रायल प्रक्रिया की गई है। वहीं अन्य वार्डों में ग्रामीणों को नल से जलापूॢत का बेसब्री से इंतजार है। गांव के लोग शुद्ध पानी के लिए टकटकी लगाए हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि जलापूॢत के लिए जो पाइप बिछाई जा रही है, वह घटिया किस्म का है। प्रावधान के अनुसार आइएसआइ मार्का पाइप होना चाहिए। लेकिन लोकल पाइप डाला जा रहा है। अधिकांश स्थलों पर मात्र एक से दो फुट गड्ढा कर ही पाइप डाली गई है। प्राक्कलन में किए गए प्रावधान के अनुसार तीन फीट गड्ढा खुदाई कर पाइप बिछानी है। कनीय अभियंता अजीत कुमार राम ने बताया कि जिस एजेंसी द्वारा कार्य में लापरवाही बरती जाती है। उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाती है। जलापूॢत चालू करने से पूर्व जांच की जाती हैं। पूर्व कुश्थन और लक्ष्मीपुर- लालचंद पंचायत में कार्य कर रहें एजेंसी को काली सूची में डाली गई है।