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चार घंटे तक ट्रैक पर पड़ी रही लाश, गुजरती रही ट्रेनें, 'सीमा की लकीर' पर उलझी रही भागलपुर पुलिस

भागलपुर पुलिस की कार्यशैली पर फ‍िर सवाल उठने लगा है। चार घंटे तक शव ट्रक पर पड़ा रहा उसके उपर से कई ट्रेनें गुजरी लेकिन भागलपुर के दो थानों की पुलिस सीमा की लकीर सुलझाने में चार घंटे तक लगी रही। इसके बाद भी...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 02:11 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 02:11 PM (IST)
चार घंटे तक ट्रैक पर पड़ी रही लाश, गुजरती रही ट्रेनें, 'सीमा की लकीर' पर उलझी रही भागलपुर पुलिस
हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने पहुंची पुलिस।

संस,नाथनगर। भागलपुर के नाथगर इलाके में सेंट जोसेफ स्कूल के पीछे शनिवार की सुबह करीब आठ बजे ट्रेन की चपेट में आने से एक अधेड़ की मौत हो गई। जिसकी शिनाख्त विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के साहेबगंज वार्ड संख्या दस निवासी मु . सकुर (55) के रूप में हुई है। हबीबपुर और ललमटिया पुलिस क्षेत्र विवाद में चार घंटे तक रही।

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चार घंटे तक ट्रेक पर पड़ा रहा शव ,गुजरती रही ट्रेनें

सुबह आठ बजे 12 बजे तक शव ट्रेक पर ही पड़ी रही और इस अंतराल में कई ट्रेनें गुजरती रही।इधर रेल पुलिस,हबीबपुर और ललमटिया थाना की पुलिस क्षेत्र विवाद में उलझते रही।सभी एक दूसरे का क्षेत्र बताकर पल्ला झाड़ते नजर आएं। अंततः लगभग 11.30 बजे पहुंची हबीबपुर पुलिस पहुंची और उसे लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा।

दलबल के साथ पहुंची हबीबपुर पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जाने लगी ,इस पर लोग आक्रोशित हो गए और धक्का मुक्की करना शुरू कर दिया।उन लोगों का कहना था कि सुबह आठ बजे से ही आप लोगों को घटना कि सूचना दे रहे थे,लेकिन आप लोग चार घंटे बाद पहुंचे ,इस दौरान कई ट्रेनें घंटे गुज़र गई और अभी हमलोग को शव ले जाने से रोका जा रहा है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस पीछे हट गई और स्वजन बॉडी उठाकर लेकर चले गए।

वार्ड दस के पार्षद प्रतिनिधि मु. पोपल ने बताया कि सुबह आठ बजे करीब सेंट जोसेफ स्कूल के पीछे साहेबगंज मोहल्ले के रहने वाले 55 वर्षीय मु. सकुर का ट्रेन के चपेट में आने से मौत हो गई थी। 12 बजे तक शव ट्रेक पर ही पड़ा रहा।चार घंटे के दौरान कई थानों के पुलिस को फोन किए लेकिन वह लोग आएं और सीमा नहीं रहने की बात कहकर लौट गए। 12 बजे के आसपास हबीबपुर पुलिस आई और शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर जाने लगी।इस पर मृतक के स्वजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उनसे उलझ गई और पोस्मार्टम नहीं कराने की बात कहकर शव को अपने साथ लेकर चली गई। क्योंकि चार घंटे तक पुलिस सीमा विवाद में ही पड़ी रही और सभी लोग मदद की गुहार लगाते रहें,लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया।इसलिए लोग काफी गुस्से में थे। 


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