Move to Jagran APP

सृजन घोटाले की आंच से बचने में जुटे शेखपुरा के डीडीसी, स्पष्टीकरण में खुद को बताया पाक साफ

डीडीसी ने डीएम को कहा कि उनके कार्यकाल में सृजन संस्था में कोई लेन देन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा जब हमने पदभार संभाला तो पता चला कि सृजन में खाता है जो नियम के विरुद्ध है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 06:51 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 02:45 PM (IST)
सृजन घोटाले की आंच से बचने में जुटे शेखपुरा के डीडीसी, स्पष्टीकरण में खुद को बताया पाक साफ
सृजन घोटाले की आंच से बचने में जुटे शेखपुरा के डीडीसी, स्पष्टीकरण में खुद को बताया पाक साफ

भागलपुर (जेएनएन)। सृजन घोटाले की जांच आंच शेखपुरा के डीडीसी निरंजन कुमार झा तक पहुंच गई है। ये जब भागलपुर में भू-अर्जन अधिकारी थे तब 13 बार अवैध राशि की निकासी की गई। हाल यह रहा कि घोटाले के दौर में भू-अर्जन के तीन नए खातों से सरकार को 279.16 करोड़ रुपये की चपत लगी। पिछले दिनों महालेखाकार के ऑडिटर की पड़ताल में करोड़ रुपये की अवैध निकासी उजागर हुई थी। इस बावत भागलपुर जिलाधिकारी ने निरंजन से स्पष्टीकरण मांगा था।

loksabha election banner

सनद रहे, घोटाले का खेल वर्ष 2007 के मार्च से हुआ और यह नवंबर 2016 तक चला। मुख्य रूप से चार अफसरों के कार्यकाल के दौरान भू-अर्जन के खाते में घोटालेबाजों ने सेंध लगाई। 24 बार अवैध निकासी कर 333.44 करोड़ रुपये गटक लिए गए। घोटालेबाजों ने भू-अर्जन विभाग के खाते से कई बार की अवैध निकासी कर ली और तभी के अफसरों को मामले की भनक तक नहीं लगी।

हालांकि, निरंजन कुमार झा ने जिलाधिकारी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण का जवाब देते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में सृजन संस्था में कोई लेन देन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब हमने पदभार संभाला तो पता चला कि सृजन में खाता है जो नियम के विरुद्ध है। उस खाते को तत्काल बंद कराकर इंडियन बैंक में जमा करा दिया गया। जबकि मेरे कार्यकाल में आठ करोड़ व चौदह करोड़ की राशि का हस्तानांतरण दिखाया गया है वह फर्जी है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ फर्जी हस्ताक्षर से राशि का स्थानांतरण के मामले की जांच कर रही है। उनके द्वारा कभी किसी चेक पर हस्ताक्षर करके नहीं दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि जो राशि विभाग को आती थी उसे नाजिर द्वारा जिलाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद ही भू अर्जन विभाग को सौंपा जाता था।

हालांकि जब खाता को सृजन संस्था से बंद कराया गया तो बैंक ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है नया एकाउंट खोलकर सृजन के खाते से सभी राशि को स्थानांतरित कर दी गई। इसके बाद भी यदि कोई निकासी हुई तो यह उनके संज्ञान में नहीं है। साथ ही कहा कि महालेखाकार की रिपोर्ट में बैंक स्टेटमेंट और विभाग के लेजर बुक में भिन्नता उजागर हुई है। नाजिर ही लेजर बुक पर राशि को अंकित करता था उसी को आधार मानकर राशि की जानकारी होती थी। निरंजन कुमार झा ने कहा कि यदि राशि मेरे आदेश के बाद भी कोषागार या बैंक में जमा नहीं हो रही है तो किसी ने मुझे कोई जानकारी नहीं दी।

उन्होंने यह भी कहा मेरे भागलपुर के पदस्थापना और स्थानांतरित होने के बाद भी कई भू-अर्जन अधिकारी आए। किसी ने कोई ऐसी शिकायत और जानकारी नहीं दी। निरंजन कुमार झा ने जिलाधिकारी को दिए गए स्पष्टीकरण में खुद को पाक-साफ बताया है सभी दोष नाजिर और बैंक के कर्मचारियों पर मढ़ दिया। मामले की जांच हो रही है अब सीबीआइ की जांच रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि निरंजन कुमार झा इस खेल में शामिल थे या नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.