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डीबीए की गरमाई राजनीति, बीसीआइ के चेयरमैन मनन मिश्रा समेत आठ पर महासचिव ने किया आपराधिक मुकदमा

भागलपुर में डीबीए की राजनीति गरमा गई है। जानलेवा हमला साजिश रचने समेत कई गम्भीर आरोप में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में महासचिव ने बीसीआइ के चेयरमैन मनन मिश्रा समेत आठ पर आपराधिक मुकदता दाखिल किया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 09:44 AM (IST)
डीबीए की गरमाई राजनीति, बीसीआइ के चेयरमैन मनन मिश्रा समेत आठ पर महासचिव ने किया आपराधिक मुकदमा
भागलपुर में डीबीए की राजनीति गरमा गई है।

 जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला विधिज्ञ संघ के चुनावी काल की राजनीति में बिहार बार काउंसिल की ओर से तदर्थ समिति के गठन बाद से राजनीति गरम है। गुरुवार को बार काउंसिल की तदर्थ समिति को वकीलों ने महासचिव संजय कुमार मोदी की अगुआई में जहां हाउस की बैठक बुला अवैधानिक करार दिया। वहीं शुक्रवार को मामले में एक कदम आगे बढ़ते हुए संघ महासचिव संजय मोदी ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चैयरमैन मनन मिश्र समेत आड़ पर आपराधिक मुकदमा कर दिया है।

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मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आपराधिक साजिश रचने, जानलेवा हमला करने समेत कई गम्भीर आरोप लगाए गए हैं। दाखिल मुकदमें में न्यायालय की तरफ से सुनवाई की तिथि तय की जानी है। केस करने वाले संघ महासचिव मोदी ने कहा कि मामले में वकीलों की चुनी हुई प्रबंध कार्यकारिणी में तदर्थ समिति के बजाय अध्यक्ष, महासचिव आदि का पद सृजित कर उसे डीबीए में प्रभार लेने भेजने। अधिवक्ताओं के साथ बदसलूकी करने और उनके गम्भीर बीमारी में साजिश रचकर मानसिक तनाव दे जान लेने की कोशिश करने आदि की कोशिश आरोपितों ने की है। दाखिल नालिसी केस में मनन कुमार मिश्रा के अलावा बार काउंसिल सदस्य धर्मनाथ यादव, प्रेमनाथ ओझा, अभयकांत झा, प्रेम कुमार झा, अंजनी कुमार कार्यालय सहायक योगेश नाथ पांडेय आदि आरोपित बनाए गए हैं।

हाउस की बैठक में ही मुकदमे के लिए वकीलों ने सर्वसम्मति से ले लिया था निर्णय

जिला विधिज्ञ संघ के प्रशाल में गुरुवार को 295 वकीलों के दस्तखत युक्त आवेदन पर बुलाई गई हाउस की आपात बैठक में केस करने के लिए बाकायदा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था। दरअसल वकीलों का कहना था जिला विधिज्ञ संघ की चयनित समिति को भंग काउंसिल कर सकती है। तदर्थ समिति भी चुनाव कराने के लिए कर सकती पर तदर्थ समिति में अध्यक्ष, महासचिव आदि पद खोलने और उसके लिए पटना से पद का सृजन करना गलत निर्णय है। उसके बाद कई अहम निर्णय हाउस की बैठक में लिए गए। शुक्रवार को आपराधिक मुकदमा उसी निर्णय के बाद दाखिल किया गया है। 24 मई 2021 की तिथि सीजेएम ने दे दिया है। 


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