बाढ़ ने धो दिया धान उत्पादक किसानों का सपना, भागलपुर में 50 फीसद फसल नष्ट
भागलपुर में बाढ़ के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। धान की फसल नष्ट हो जाने से किसान चिंंतित हैं। जगदीशपुर छोड़कर 50 फीसद से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गई। 51860 हेक्टेयर में लगी थी धान की फसल यूरिया की मांग हो गई कम।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। बाढ़ ने धान उत्पादक किसानों के सपनों को धो दिया है। इस साल 50 फीसद से अधिक धान की फसल बर्बाद हो गई है। जिले में इस बार 51860 हेक्टेयर में धान की फसल लगाई गई थी। कम बारिश की वजह से किसानों को अधिक खर्च कर धान का पौधा लगाना पड़ा था। लेकिन चंद दिनों बाद आई बाढ़ ने फसल को बर्बाद कर दिया। जगदीशपुर व बिहपुर प्रखंड में लगी धान की फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ।
जिले में एक लाख 15 हजार 582 हेक्टेयर में लगी थी। बाढ़ के कारण 50407 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई। 51860 हेक्टेयर में धान, 45062 हेक्टेयर में मक्का, 7661 हेक्टेयर में दलहन, 135 हेक्टेयर में तेलहन, 6831 हेक्टेयर में मौसमी सब्जी, 450.5 हेक्टेयर में गन्ना व 3582 हेक्टेयर में शाश्वत फसल लगी थी। इनमें से 46828 हेक्टेयर सिंचित और 2880 हेक्टेयर असिंचित भूमि में बाढ़ से तबाही हुई है। 699 हेक्टेयर में लगी शाश्वत फसल को नुकसान हुआ है। 66 करोड़ 43 लाख 44 हजार रुपये के फसल के बर्बाद होने का अनुमान है।
यूरिया की नहीं हुई किल्लत
धान सहित अन्य फसलों के नुकसान होने के कारण यूरिया खाद की किल्लत नहीं हुई। इस कारण कई दुकानदार कार्रवाई के दायरे में नहीं आए। मांग कम रहने की वजह से दुकानदार यूरिया को ब्लैक नहीं कर सके। जो दुकान कीमत से अधिक पैसे लिए उसके विरुद्ध कार्रवाई हुई है। कृषि विभाग ने तय कीमत से अधिक पर यूरिया खाद बेचने वाले पांच विक्रेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है। 26 दुकानदारों का लाइसेंस रद किया है। 61 दुकानदारों का लाइसेंस लंबित रखा गया है। जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने कहा है कि उर्वरक से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत पर जीरो टालरेंस नीति के तहत कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जिस भी खाद विक्रेता के खिलाफ शिकायत मिल रही है, उसकी जांच कराई जा रही है और शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई की जा रही है। कुछ किसानों ने खाद दुकानदारों के खिलाफ यूरिया का सरकारी दर 266.50 रुपये के बदले 300 रुपये लेने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतों की सत्यता की जांच करने के बाद उन खाद विक्रेताओं के ऊपर कार्रवाई की गई है। कई ऐसे भी दुकानदारों पर कार्रवाई की गई है, जो डीलर नहीं होने के बावजूद मनमाने रेट पर खाद की बिक्री कर रहे थे। उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिन दुकानदारों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, उनमें इस्माइलपुर के सत्यम कृषि केंद्र के प्रोपराइटर अमरनाथ, शाहकुंड समर्थराज खाद बीज केंद्र के सुजीत कुमार, सुल्तानगंज के संतोष इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर पप्पू कुमार मंडल, राधा कृष्ण ट्रेडिंग आदि शामिल हैं।
जिनके लाइसेंस रद हुए हैं, उनमें सन्हौला के चिराग उर्वरक केंद्र और बैजाचक पैक्स, गोराडीह के गायत्री कृषि केंद्र और आदित्य राज कृषि केंद्र, रंगरा चौक के सुमन कृषि सेवा केंद्र, चिंतामय ट्रेडर्स, शाहकुंड के रुद्रालय केएसएसएस लिमिटेड, कुशांत कृषि केंद्र, आनंत कृषि केंद्र, नाथनगर के शर्मा कृषि केंद्र, पंकज कृषि केंद्र, बाबा कृषि केंद्र, सबौर के शिव शक्ति ट्रेडर्स, नवगछिया के मनोज कुमार मंडल, खाद बीज भंडार, जय किसान कृषि सेवा केंद्र, राहुल कृषि केंद्र, ओम जया मेगा ट्रेडर्स, गुलाम खाद भंडार, करुण कृषि केंद्र, पीरपैंती के अरविंद कृषि केंद्र, इस्माइलपुर के सत्यम कृषि केंद्र, खरीक के राधा कृष्ण ट्रेडर्स, सुल्तानगंज के ग्रामीण के एसएसएस लिमिटेड और कहलगांव के नीतीश कृषि केंद्र शामिल हैं। जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के थोक एवं खुदरा विक्रेताओं की बैठक भी आयोजित करवाई थी।