अजब गजब तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे साइबर अपराधी, जानिए... क्या—क्या हथकंडे अपनाते हैं Bhagalpur News
ऐसे दर्जनों मामले भागलपुर में दर्ज हैं। इसमें अलग-अलग तरीकों से लोगों को शिकार बनाया गया है। तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर साइबर अपराधी रुपये बैंक खाते से निकाल रहे हैं।
भागलपुर [बलराम मिश्र]। इन दिनों साइबर अपराधी पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुए हैं। वे अजब गजब तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस लगातार प्रचार प्रसार करती है। फिर भी साइबर अपराधियों के झांसे में आ जाते हैं। ऐसे दर्जनों मामले भागलपुर में दर्ज हैं। इसमें अलग-अलग तरीकों से लोगों को शिकार बनाया गया है।
लिंक पर क्लिक करते ही खाते से गायब हुए एक लाख
20 अक्टूबर को जोगसर इलाके में अमित कुमार का कुरियर आने में देरी हुई। उन्होंने गूगल पर सर्च कर संबंधित कूरियर कंपनी से बात करने के लिए कस्टमर केयर नंबर निकाला। जब उन्होंने नंबर पर बात की तो उन्हें एक लिंक पर क्लिक कर दो रुपये भेजने के लिए कहा गया। फोन करने वाले ने उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा और कुछ निर्देशों का पालन करने को कहा। अमित झांसे में आ गए और लिंक पर क्लिक कर दिया। क्लिक करते ही उनके खाते से करीब एक लाख रुपये आठ किश्तों में निकल गए।
मोबाइल नंबर को आधार लिंक कराने की बात कह नर्स के खाते से उड़ाया 50 हजार
30 अगस्त को बरारी इलाके में मोबाइल नंबर को आधार से लिंक कराने की बात कह कर साइबर ठगों ने नर्स किरण सिन्हा के खाते से 50 हजार उड़ा लिया। 17 अगस्त को उनके मोबाइल पर एक नंबर से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि आपका नंबर आधार से नहीं जुड़ा हुआ है। यदि आप नंबर नहीं जुड़वाएंगी तो आपका सिम बंद हो जाएगा। यह कहते हुए उसने नर्स से कहा कि आपके नंबर पर छह डिजीट का नंबर भेज रहे हैं। वह बता दीजिए। नर्स ने भी झांसे में आकर नंबर बता दिया। नंबर बताते ही उनके खाते से रुपये गायब हो गए।
पेटीएम से 10 रुपये का रिचार्ज करते ही नर्सिंग छात्रा का गायब हुआ रुपये
30 जुलाई को साइबर ठगों ने मिरजानहाट के मानिकपुर निवासी नर्सिंग छात्रा दीप ज्योति के खाते से 23 हजार दौ सौ रुपये उड़ा लिया। दीप ज्योति का एक पार्सल डीटीडीसी कुरियर से आना था। कुरियर आने में देरी होने पर एक हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क किया। उन्हें बताया गया कि एक लिंक पर 10 रुपये भुगतान पर ही उनका कुरियर आएगा। उन्होंने झांसे में आकर लिंक को बताए नंबर पर भेज दिया और 10 रुपये ऑनलाइन भुगतान कर दिया। इसके तुरंत बाद उनके यस बैंक और आइडीबीआई बैंक से 23 हजार दो सौ रुपये की अवैध निकासी हो गई।
जागरुकता ही बचाव
इस मामले में पुलिस लगातार वाट्सएप और जागरूकता संदेश के माध्यम से लोगों को जागरूक करती है। लोगों को बताया जाता है कि वे बैंक से जुड़ी किसी भी गोपनीय जानकारी किसी से शेयर ना करें। इसके अलाव बगैर जांच पड़ताल किसी लिंक को ना खोलें। बावजूद लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर अपनी गोपनीय जानकारी अलग अलग तरीकों से शेयर कर देते हैं।
एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि साइबर ठगी के मामलों के लिए साइबर सेल की मदद ली जाती है। हाल ही में कई मामलों में पुलिस ने सफलता भी पाई है। कोई भी व्यक्ति बैंकों से जुड़ी अपनी जानकारियां किसी कीमत पर अज्ञात लोगों को फोन पर शेयर नहीं करें।