करोड़ों रुपये के फर्जी रिजर्व बैंक के चेक से देते हैं झांसा, लाखों की ठगी, संभलिए... नहीं तो आप भी हो जाएंगे शिकार
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी काओ के प्रोजक्ट में पैसा लगाने के नाम पर करोड़ों की कर चुके हैं ठगी। बिहार-झारखंड के कई जिलों में ठगे जा रहे लोग। नवगछिया के मदरौनी निवासी विकास सिंह से भी एक करोड़ 30 लाख की ठगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर और जापानी कंपनी काओ के प्रोजक्ट में पैसा लगाने के नाम पर बिहार-झारखंड के कई जिलों में लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले शातिर पुराने दुर्लभ सिक्के का हवाला दे भी लोगों से ठगी कर रहे हैं। ठगी के खेल में दिल्ली, बिहार, झारखंड और उड़ीसा के शातिर शामिल हैं। जिनका तगड़ा नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है।
पहले पता कर लेते हैं कि कितना रुपया है
इनके शिकार व्यवसायी, ठीकेदार और किसान भी शामिल हैं। ठग लोगों को झांसा देने के पूर्व शिकार की मुकम्मल जानकारी जुटाते हैं। यह भी पता कर लेते हैं कि उनके पास रुपये देने की हैसियत क्या है। यह पता लगते ही उनकी हैसियत के मुताबिक डिमांड करते हैं। भरोसा देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का दो सौ करोड़, पांच सौ करोड़ का फर्जी चेक भी दिखाते हैं ताकि शिकार भरोसे में आ जाए। उनके भरोसे मे आते ही उन्हें प्रोजेक्ट में रकम लगाने को ऑफर देते हैं।
दिया जाता था प्रलोभन
उन्हें यह भी कहा जाता है कि उन्हें दो माह के अंदर निवेश किए गए रकम से दूनी राशि दी जाएगी। उनके झांसा में आने वाले सहज उनकी बातों में आकर अपनी सारी जमा पूंजी ठगों के हवाले चंद मिनटों में कर देते हैं। करोड़ों रुपये की ठगी के शिकार नवगछिया के मदरौनी निवासी विकास कुमार सिंह, अमरपुर निवासी हिमांशु, डॉ. विमल कार्तिक दत्ता ने तो अपनी महंगी जमीन बेच दी। दूनी रकम के लालच में अपनी जमा पूंजी लुटा दी। अब सिर पीट रहे हैं।
क्राइम ब्रांच ने किया मामला उजागर
दिल्ली की क्राइम ब्रांच की टीम शकरपुर थाने में दर्ज राम बालक, तफरेज आलम, दुर्योधन साह, राम किशन सोरेन और विपिन कुमार सिंह के विरुद्ध दर्ज केस और उससे जुड़ी कड़ी के सहारे बांका जिले के अमरपुर और दुमका के गांधी मैदान इलाके में गिरोह के सदस्यों की सक्रियता पकड़ी है।