कबीर अंत्येष्टि की राशि का इस तरह चल रहा लूट... चार महीने में एक ही आदमी को दो बार मार डाला
मधेपुरा में कबरी अंत्येष्टि में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां पर एक ही मृत व्यक्ति के नाम पर चार माह के अंदर दो बार राशि निकाल ली गई। मामला लालपुर सरोपट्टी पंचायत का है। हालांकि अब इसकी जांच की जा रही है।
मधेपुरा [राकेश रंजन]। सरकारी राशि गबन को अजब गजब कारनामे किया गया है। एक ही व्यक्ति को चार माह के भीतर दो बार मुर्दा बना दिया। सबसे बड़ी बात यह कि दोनों बार कबीर अंत्येष्टि योजना से राशि की फर्जी निकासी हुई। पहली बार तो वास्तविक मौत की तिथि पर ही राशि की निकासी की। लेकिन दूसरी बार उसी व्यक्ति की फर्जी मौत दिखाकर राशि निकासी की गई है। परिजनों को न तो राशि मिली न ही कोई जानकारी। पहली बार पत्नी कारी देवी के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की निकासी कर ली गई। जबकि दूसरी बार मौत भी फर्जी दिखाई गई। मौत के चार महीने बाद ही पुन: कागज पर उसी व्यक्ति को मृत दिखाया और इस बार बेटा हरि कामत के फर्जी निशान से रुपयों की निकासी हो गई। जानकारी अनुसार लालपुर सरोपट्टी पंचायत के वार्ड नंबर नौ के सियाराम कामत की मौत 12 नवंबर 2017 को हुई थी। उस समय परिजनों को अंत्येष्टि के लिए कोई राशि नहीं दी गई। पुन: इसी मृत व्यक्ति को 31 मार्च 2018 को कागजों पर मृत दिखा दिया गया। दोनों ही बार फर्जी निशान से रुपयों की निकासी कर बंदरबांट कर ली गई।
डेढ़ महीने बाद भी कारवाई नहीं
प्रशासनिक महकमे को इसकी जानकारी मिलने के एक से डेढ़ महीना बीत जाने के बावजूद भी कोई कारवाई नहीं की जा सकी है। अभी तक बीडीओ जांच रिपोर्ट पर ही अटका हुआ है। अब तक न तो जांच पूरी हुई है और न ही कोई कारवाई की गई है। जबकि इस पंचायत में इस तरह के अनेकों मामला होने की बात बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि अभी तो कुछ मामले ही सामने आए हैं। जब हाई लेवल टीम द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी तो और भी कई फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आएगा।
कारवाई न होने से उठ रहे सवाल
मामले की जानकारी पत्र द्वारा पंचायती राज विभाग, एसडीओ व बीडीओ को दी गई है। लेकिन अब तक कारवाई के नाम पर बस खानापूर्ति ही की गई है। बीडीओ ने प्राप्त आवेदन के आधार पर प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को जांच तो सौंपी। लेकिन जांच रिपोर्ट मिल जाने के वावजूद अब तक कुछ नहीं किया जा सका है। बीडीओ ने प्रखंड कल्याण पदाधिकारी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को स्पष्ट नहीं बताया है।
मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को जांच सौंपी गई थी। कल्याण पदाधिकारी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट स्पष्ट नहीं है। इस बीच चुनाव कार्य के कारण पुन: मामले को नहीं देखा जा सका है।
राजकुमार चौधरी, बीडीओ, सिंहेश्वर(मधेपुरा)
मेरे जानकारी में अब तक यह मामला नहीं है। अगर ऐसा है तो यह सीधे सरकारी राशि के गबन का मामला बनता है। मामला चाहे जब का हो। इसकी जांच कराई जाएगी। जांच में फर्जीवाड़े की बात सामने आने पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
नीरज कुमार
एसडीओ,मधेपुरा