गर्मी में जिंदगी दाव पर लगा सफर कर रहे यात्री
फोटो- 26 अजि के पास है। ------------------------ कैचवर्ड :-अव्यवस्था ----------- - स्लीपर और जनरल कोच में ठसाठस भीड़ के बीच ब'चों संग जैसे-तैसे यात्रा करने को मजबूर हैं यात्री -यात्रियों की भीड़ को कम करने के लिए रेलवे के पास कोई खास प्लान नहीं -इलाहाबाद के पास ब्रह्मापुत्र मेल में दम घुटने से ब'ची की मौत के बाद भी नहीं बरती जा रही सतर्कता -------------------------- जासं,
भागलपुर। उमस भरी गर्मी में यात्री ट्रेनों में अपनी जिंदगी दाव पर लगाकर सफर कर रहे हैं। स्लीपर और जनरल कोच में यात्री ठसाठस भीड़ के बीच बच्चों संग जैसे-तैसे यात्रा करने को मजबूर हैं। यात्रियों की बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए रेलवे के पास कोई खास प्लान है।
उमस भरी गर्मी में भी ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ कम नहीं हो रही है। गर्मी के कारण यात्रियों को न पंखे की हवा मिल रही और न ही खिड़कियों से। जेनरल और स्लीपर बोगियों में यात्री जैसे-तैसे सफर करने को मजबूर हैं। गर्मी से बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं। उमस भरी गर्मी और बेतहाशा भीड़ के कारण 25 मई को इलाहाबाद के पास ब्रह्मापुत्र मेल में दम घुटन से एक बच्ची की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद रेलवे में बवाल मचा हुआ है। इसके बाद भी रेलवे सतर्क नहीं है। कॉलेज और स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने के बाद भागलपुर से दिल्ली, मुंबई, यूपी, हावड़ा, गुवाहाटी की ओर जाने वाली ट्रेनें पूरी हाउसफुल होकर गुजर रही हैं। ऐसे में यात्रियों को बोगी में खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। शनिवार को जागरण टीम ने जंक्शन से गुजरने वाले ट्रेनों में यात्रियों के दर्द को जानने की कोशिश की।
--------------------
विक्रमशिला ट्रेन में बच्ची के साथ खड़ा होकर दिल्ली गई महिला
सुबह 10.45 बजे थे। भागलपुर से आनंद विहार टर्मिनल जाने के लिए विक्रमशिला एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या एक पर खड़ी थी। जेनरल कोच में सवार होने के लिए लोग कतारबद्ध थे। रेलवे सुरक्षा बल के जवान सभी यात्रियों को बोगी में प्रवेश करा रहे थे। तब तक 11 बज गया था। बोगी के अंदर बांका निवासी महिला अपने चार महीने के बच्ची के साथ बड़ी मुश्किल से प्रवेश की। वह किसी तरह खड़ा होने की कोशिश कर रही थी। कैरेज स्टैंड पर यात्री बैठे हुए थे। महिला ने बताया कि उसका पति दिल्ली में रोजगार करता है। ट्रेन में खड़ा होने की जगह नही है। सौ सीट वाले कोच में ढाई सौ से ज्यादा यात्री सवार थे। गर्मी के कारण कोच में हवा भी नहीं आ रही थी।
--------------------------
साहिबगंज इंटरसिटी में भी रही बेतहाशा भीड़
विक्रमशिला एक्सप्रेस के गुजरने के बाद 11.28 बजे दानापुर से साहिबगंज जाने वाली इंटरसिटी भी प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंची। ट्रेन के कोच में बेतहाशा भीड़ थी। गर्मी के कारण बच्चे काफी परेशान दिखे। बुजुर्ग यात्री भी पसीने से सराबोर थे। सीट के अलावा यात्री फर्श से लेकर शौचालय तक में खड़े होकर यात्रा करने को मजबूर थे। क्षमता से अधिक यात्रियों के बैठने के कारण कोच ओवरवेट था। भीड़ के कारण दर्जनों यात्री कोच में नहीं घुस सके। इस ट्रेन के जनरल कोच में पहले से ही अधिक भीड़ थी।
--------------------------
यात्रियों से दबकर बच्चे संग महिला ने किया सफर
शाम 4.31 बजे जमालपुर-मालदा इंटरसिटी एक्सप्रेस जंक्शन पर पहुंची। ट्रेन में सवार होने के लिए अफरा-तफरी मच गई। कोई इमरजेंसी खिड़की से बोगी में प्रवेश किया तो कई प्लेटफॉर्म के गलत दिशा में जाकर जनरल कोच में सवार हुआ। स्थिति यह हो गई कि कई यात्रियों को पायदान में लटक कर सफर करना पड़ा। साधारण डिब्बे में दोगुना से ज्यादा यात्री सवार हुए। ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियां हुई। महिलाओं ने बच्चे के साथ यात्रियों के बीच दबकर सफर पूरा किया।
-------------------------
एक भी नहीं चल रही स्पेशल
गर्मी की छुट्टी में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए जहां दूसरे जोन और मंडल से दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। वहीं, भागलपुर से एक भी दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन नहीं चलाई जा रही है। मालदा मंडल और पश्चिम रेलवे की ओर से सप्ताह में एक दिन हरिद्वार और गांधीधाम-भागलपुर के बीच स्पेशल ट्रेन का परिचालन हो रहा है। लेकिन इससे दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों को सहूलियत नहीं हो रही है।
---------------------
जनरल कोच बढ़ाने से होगी सहूलियत
भीड़ से निपटने के लिए रेलवे को लंबी दूरी की गाड़ियों में जनरल कोचों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। कई बार डीआरएम से लेकर जीएम तक से जनरल कोच की संख्या बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन बोगियों की संख्या नहीं बढ़ सकी। नतीजतन एक कोच में दोगुने से ज्यादा यात्री सफर करने को मजबूर हैं।