जेल से निकले अपराधी पुलिस को देते हैं खुली चुनौती, कुछ इस तरह करते हैं अपराध, पुलिस के पास नहीं रहता है रिकार्ड
भागलपुर में जेल से बाहर निकले अपराधी पुलिस को खुलेआम चुनौती देते हैं। पुलिस के पास इसका रिकार्ड नहीं रहता है। इस कारण ऐसे लोगों के हौसले बुलंद रहते हैं।
भागलपुर, जेएनएन। शहर में इन दिनों जेल से निकले कई अपराधी लगातार घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे कई शातिरों को पुलिस ने आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद धर दबोचा है। जो हाल ही में जेल से बाहर निकले हैं। वे लोग कई घटनाओं को अंजाम देने के बाद पुलिस की नजर में आते हैं। इसके पहले पुलिस को उनके जेल से निकलने की जानकारी नहीं होती है। इसी का फायदा उठाकर वे जेल से निकलने क बाद कुछ दिन शांत रहते हैं। इसके बाद मौका देखते ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं।
पुलिस के पास नहीं रहता रिकार्ड
किसी भी आपराधिक मामलों में पुलिस बदमाशों को जेल भेज देती है। कई बार समय से चार्जशीट नहीं होने के कारण बदमाशों को लाभ भी मिला है। पुलिस के पास जेल से निकले बदमाशों का को ब्यौरा नहीं होता है। जबकि वरीय अधिकारियों द्वारा हर समय जेल से निकले व अन्य संदिग्धों का ब्यौरा संबंधित थानेदार व चौकी इंचार्ज को रखने का निर्देश दिया है। जेल से निकले बदमाशों पर विशेष नजर रखने को कहा जाता है। बावजूद पुलिस वाले जेल जाने के बाद उनकी सुध नहीं लेते हैं।
जानकारी होने पर मिलती है सफलता
जो थानेदार या पुलिसकर्मी अपराधियों का ब्यौरा अपडेट रखते हैं। उन्हें आपराधिक घटनाएं होने के बाद बदमाशों का पता लगाने में परेशानी नहीं होती है। जिससे वे आसानी से पकड़ा जाते हैं। पुलिस वालों को इस बात की जानकारी होती है कि किस इलाके में कौन कौन से बदमाश सक्रिय हैं। इसी आधार पर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ करते ही मामले का पर्दाफाश हो जाता है। ऐसे कई उदहारण हैं।
19 जुलाई : हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में दो बदमाशों ने आइटीआई कर्मी आनंद प्रसाद पर फायङ्क्षरग कर दिया था। इस मामले में बरारी पुलिस ने टेंपुल रोड निवासी सानू कुमार और हाउसिंग बोर्ड निवासी सन्नी ठाकुर को गिरफ्तार किया। दोनों कुछ दिन पहले उन दोनों ने अपने साथी के साथ मिलकर हाउसिंग बोर्ड में गोली मार दी थी। कुछ माह पूर्व ही वे लोग जेल से बाहर निकले थे।
31 जुलाई : विक्रमशिला सेतु गंगा टीओपी के समीप तड़के नालंदा निवासी पिकअप चालक से लूटपाट करते दो बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ा। इसमें कटहलबाड़ी का राहुल कुमार यादव और बरारी निवासी राम रूप यादव शामिल था। इसमें राहुल एक माह पहले ही लूट मामले में जेल से बाहर निकला था। उसने निकलते ही घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया।
सभी अफसरों को जेल से बाहर निकलने वाले बदमाशों के निगरानी का निर्देश दिया जाता है। कई बार निगरानी के कारण पुलिस को बदमाशों को पकडऩे में सफलता भी मिली है। - आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर