संभल जाइए... अपराधियों ने बदल लिया है अपना ट्रेंड, बड़े रैकेट की संलिप्तता, व्यापारियों पर भी रखें नजर
अपराधियों ने अपना ट्रेंड बदल दिया है। लोगों को पता नहीं चहता है कि यह अपराधी हैं या व्यापारी। व्यापारी बनकर आए अपराधी अनाज की बोरियां गायब कर रहे हैं।
कटिहार [नीरज कुमार]। यह चोरी का पूरी तरह नया ट्रेंड है। इसमें रात के अंधेरे में चोरों का समूह वाहनों के साथ पहुंचते हैं और खलिहानों, दालानों व सड़कों के किनारे अनाज की बोरियों को लाद फरार हो जाते हैं। उसका हाव-भाव पूरी तरह एक व्यापारी की तरह होता है और इससे आसपास के लोग उसपर शक भी नहीं कर पाते हैं। इसमें एक बड़े रैकेट की सक्रियता है। एनएच 31 सहित मुख्य पथों के किनारे बसे गांवों में इस तरह की वारदात ज्यादा हो रही है। यह गिरोह अनाजों के साथ पशुओं को भी अपना निशाना बनाते हैं। दरअसल ग्रामीण इलाकों में अनाज आदि सूखाने के बाद खलिहानों आदि में जमा कर देने की पुरानी आदत रही है। फिलहाल कोढ़ा में ऐसे ही एक गिरोह के एक सदस्य की गिरफ्तारी से इस रैकेट के उदभेदन की उम्मीद बढ़ी है। गिरफ्तार चोर नवगछिया थाना क्षेत्र के तेतरी का रहने वाला है।
दरअसल ग्रामीण इलाकों में शातिर चोर गिरोह व्यापारी के वेश में रेकी कर किसानों व मवेशियों की चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। आस-पास के जिलों सहित पश्चिम बंगाल के चोर गिरोह दिन के उजाले में किसानों के खलिहान व दरवाजो पर लगे अनाज के ढ़ेर की खरीदारी का सौदा पक्का करने को पहुंचते हैं। सौदा करने के क्रम में गिरोह के सदस्य आस पास के इलाकों की रेकी करते हैं। इलाके की भौतिक स्थिति से अवगत होने के बाद रात के अंधेरे में अनाज व मवेशियों की चोरी कर जाते हैं। जिले के समेली एवं कोढ़ा में हाल के दिनों में इस तरह के तीन मामले सामने आ चुके हैं। कोढ़ा में वाहन पर चोरी छिपे अनाज की बोरी लादते शातिर चोर को ग्रामीणों ने संदेह के आधार पर पकड़ लिया। किसान के दरवाजे तक पहुंचने के पूर्व कुछ ग्रामीणों ने आॅटो पर सवार चोरों से पूछताछ भी की। लेकिन चोरों ने अपने को व्यापारी बताया। दिन में अनाज व्यापारी बनकर पहुंचने वाले शातिर चोर आसानी से किसानों का विश्वास जीत लेते हैं। प्राणपुर एवं बलरामपुर थाना क्षेत्र में इस गिरोह द्वारा दुधारू पशुओं एवं मवेशी की चोरी कर आसानी से पश्चिम बंगाल तक पहुंचाया जाता है। शातिर चोरों का नेटवर्क सीमांचल के पशु तस्करों से भी जुड़ा हुआ है। चोरी की घटना को अंजाम देकर शातिर चोर पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। इस कारण पुलिस का गिरोह तक पहुंचना भी मुश्किल साबित होता है।
हथियार से लैस होकर पहुंचते हैं गिरोह के सदस्य
अनाज चोरी की घटना में शामिल शातिर चोर हथियार से लैस होकर पहुंचते हैं। शातिर चोरों की नजर खलिहान में लगे अनाज के ढ़ेर पर होता है। अनाज की रखवाली करने वाले किसान को हथियार के बल पर बंधक बनाकर अपने साथ लाए वाहनों पर लोड कर फरार हो जाते हैं। कोढ़ा में चोरी की कोशिश में पकड़े गए एक शातिर चोर ने गृहस्वामी पर पिस्टल भी तान दिया। हलांकि मौके पर जुटे ग्रामीणों ने हथियार सहित चोर को धर दबोचा। एनाएच किनारे स्थित गांवों में इस गिरोह की सक्रियता हाल के दिनों में अधिक देखी जा रही है।
पशु तस्करों के संरक्षण में हो मवेशी की चोरी
पश्चिम बंगाल से सटे जिले के सीमावर्ती गांवों में मवेशी की चोरी पशु तस्करों के संरक्षण में हो रही है। वाया अमदाबाद एवं प्राणपुर के रास्ते पश्चिम बंगाल तक सीमांचल का पशुधन पहुंचाया जा रहा है। मवेशी चोरी के एवज में पशु तस्कर बंधा बंधाया कमीशन गिरोह के सदस्यों को देते हैं। गिरोह के स्थानीय शातिर चोरों के साथ मवेशी व्यापारी बनकर पशु तस्कर मवेशी पालकों के पास पशुओं की खरीद बिक्री के नाम पर पहुंचते हैं। कटिहार, किशनगंज एवं अररिया जिले में अनाज व पशुओं की चोरी को नए ट्रेंड के रूप में शातिर चोर अंजाम दे रहे हैं।
मुख्य सड़कों के किनारे सूखाने के बाद बोरे में रखा अनाज आदि की चोरी की शिकायत होने पर पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती है। कोढ़ा में गिरफ्तार चोर से गहन पूछताछ की गई है। उसके फरार साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। - विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक, कटिहार।