Covid Center Bhagalpur : नारकीय व्यस्था से ऊब गया मन, बांड भरकर कोविड सेंटर से निकले तो जान में जान आई
Covid Center Bhagalpur Live सरकार का यह निर्देश आया कि कोरोना मरीज बांड भरकर घर जा सकते हैं राहत मिल गई। बाहर निकलते ही लगा मैं स्वस्थ होने लगा हूं।
भागलपुर [अशोक अनंत]। मायागंज अस्पताल और टीटीसी कोविड सेंटर में भर्ती कोरोना मरीज नारकीय जिंदगी गुजार रहे हैं। जैसे ही सरकार का यह निर्देश आया कि कोरोना मरीज बांड भरकर घर जा सकते हैं, राहत मिल गई। बाहर निकलते ही लगा मैं स्वस्थ होने लगा हूं। यह कहना है खुरखीकल के 40 वर्षीय युवक का।
उन्होंने कहा कि पांच दिन पहले कोरोना पॉजिटिव होने पर मुझे टीटीसी कोविड सेंटर में भर्ती किया गया था। दूसरे दिन सांस तेज चलने से मुझे मायागंज अस्पताल के कोरोना वार्ड में भेज दिया गया। दोनों स्थानों पर एक जैसी ही व्यवस्था थी। भोजन का समय निर्धारित नहीं था और न ही सफाई की। एक कोरोना मरीज ने बेड पर ही उल्टी कर दी थी। घंटों बाद इसकी सफाई की गई। 10 जुलाई को मुझे फिर से कोविड सेंटर भेज दिया गया। बांड की प्रक्रिया शुरू होते ही मैं बाहर आ गया।
कजवालीचक की महिला ने बताया कि सुबह में चार कचौरी और आलू की सब्जी, दोपहर में मोटा चावल का भात और पानी मिला दूध दिया जाता था।। बाथरूम की सफाई नहीं की जाती थी। चादर भी नहीं बदली जाती थी। 12 जुलाई को बांड भरकर घर आ गई। सिकंदरपुर के 42 वर्षीय व्यक्ति ने कहा कि पांच जुलाई को सदर अस्पताल में कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया। रिपोर्ट 13 जुलाई को आई। खुद टीटीसी कोविड सेंटर गया तो वहां के डॉक्टरों ने कहा अगर घर में अकेले रहने की व्यवस्था है तो बांड भरकर जा सकते हैं, मैं घर आ गया।
अब तक 35 लोग बांड भरकर जा चुके घर
सरकार के निर्देश के बाद चार दिनों में 35 लोग बांड भरकर घर आ गए हैं। इनमें कोविड सेंटर से 32 और मायागंज अस्पताल की तीन नर्स शामिल हैं। इनमें से एक नर्स कोरोना वार्ड में ड्यूटी भी करती थी। वार्ड में रहने से बेहतर घर जाना स्वीकार किया।
घर में रहने वाले खुद जिम्मेवारी उठाएंगे
स्वास्थ्य विभाग के जारी पत्र में कहा गया है कि जो कोरोना मरीज बांड भरकर घर में रह रहे हैं, वो खुद इलाज की जिम्मेवारी उठाएंगे। वे ही दवा की व्यवस्था करेंगे और जांच के लिए सैंपल भी देंगे। निजी डॉक्टर से भी इलाज करवा सकते हैं।