अजय वर्मा हत्याकांड में दो आरोपित मुजरिम करार
अजय वर्मा हत्याकांड में अदालत ने दो आरोपितों को मुजरिम करार दिया है।
भागलपुर। द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश की अदालत में अजय कुमार वर्मा हत्याकांड में सोमवार को सुनवाई के दौरान दो आरोपितों वरुण राय और गंगा राय को हत्याकांड का मुजरिम करार दिया है। न्यायाधीश ने सजा बिंदु पर सुनवाई के लिए 28 सितंबर की तिथि तय कर दी है। सरकार की ओर से इस मामले में अपर लोक अभियोजक ओम प्रकाश तिवारी ने बहस में भाग लिया।
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हाईकोर्ट ने एक साल के अंदर सुनवाई पूरी करने का दिया था निर्देश
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उच्च न्यायालय पटना ने क्रिमिनल मिस संख्या 7500-18 में अजय वर्मा हत्याकांड में जेल में बंद आरोपित वरुण राय की दाखिल जमानत अर्जी को खारिज करते हुए निचली अदालत को स्पीडी ट्रायल कर फैसला एक साल में पूरा करने को कहा था। न्यायालय ने एक साल के अंदर ही मामले में सुनवाई पूरी करते हुए फैसला दे दिया।
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25 अप्रैल 2017 की थी वारदात
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25 अप्रैल 2017 की शाम चार बजे अजय कुमार वर्मा को लड्डु राय के घर के बगल में वरुण राय ने चाकू से गोद कर जख्मी कर दिया था। तब घटना की जानकारी पर अजय के भाई संजय वर्मा मौके पर दौड़ कर जा रहा था तो देखा कि उसका भाई जख्मी हालत में छाती को पकड़ कर जैसे-तैसे भाग कर घर की ओर आ रहा था। उस समय वरुण राय खून लगे चाकू लिए दूसरी दिशा में भाग रहा था। संजय वरुण का कुछ दूर पकड़ने के लिए पीछा भी किया लेकिन वह भाग निकला। तब संजय अपने जख्मी भाई अजय को लेकर जेएलएनएमसीएच ले गया। जहां चिकित्सक ने अजय वर्मा को मृत घोषित कर दिया था। हत्या की साजिश में गंगा राय भी शामिल था। गंगा राय ही अजय को घर से बुला ले गया था।
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महज 12 हजार की उधारी वापसी का तकादा करने पर ले ली थी जान
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मृत अजय वर्मा की मां इंदु देवी ने अदालत में बयान दर्ज कराते हुए कहा कि आरोपित गंगा राय उसके बेटे अजय से 12 हजार रुपये उधार लिया था। उसी पैसे की वापसी को अजय तकादा कर रहा था। जिससे नाराज होकर साजिश के तहत बेटे की जान ले ली। गंगा अजय को घर से बुलाया और वरुण ने चाकू से गोद कर मार डाला था।