कोरोना वायरस ने बदल रही कई सामाजिक व्यवस्था, भारतीय परंपरा के अनुसार जीने लगे लोग
Supaulcorona virus update कोरोना वायरस के कारण कई सामाजिक व्यवस्था बदल गई है। पश्चिमी सभ्यता-संस्कृति को अपनाने वाले भी अब भारतीय परंपराओं की दुहाई दे रहे हैं और इसका पालन भी कर रहे हैं। साफ-सफाई का महत्व बढ़ गया है।
जागरण संवाददाता, सुपौल। Supaul corona virus update: कोरोना वायरस से विश्व त्रस्त है। इस वायरस के कारण कई सामाजिक व्यवस्था बदल रही है। कोरोना के कारण पश्चिमी सभ्यता-संस्कृति को अपनाने वाले भी अब भारतीय परंपराओं की दुहाई दे रहे हैं और इसका पालन भी कर रहे हैं। साफ-सफाई का महत्व बढ़ गया है। घरों में बंद लोगों को भूले स्वजनों की याद आने लगी है लोग वैसे लोगों से भी फोन पर बतियाने लगे हैं। एक तरह से कहा जाए तो कोरोना सामाजिक ताना-बाना बदल रहा है।
भारतीय परंपराओं की दी जा रही दुहाई
हाबी होती पाश्चात्य सभ्यता को कोरोना ने गहरा झटका दिया है। हाथ मिलाने वाले लोग मिलने पर हाथ जोड़ रहे हैं। लोग भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं। तुलसी, एलोबेरा, नींबू आदि का प्रयोग बढ़ गया है वहीं मांसाहार में काफी कमी आई है।
साफ-सफाई का बढ़ा महत्व
इस महामारी ने साफ-सफाई के महत्व को बढ़ा दिया है। शासन-प्रशासन के अलावा आम आदमी भी इसका पूरा खयाल रखते हैं। बार-बार हाथ धुलाई लोगों की दिनचर्या में शामिल हो चुका है। साबुन, हैंडवॉश, सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स आदि की बिक्री बढ़ गई है। लोग एक दूसरे को इनका उपयोग करने की सलाह देते हैं वहीं समाजसेवियों द्वारा इसका वितरण कर लोगों को सफाई के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
भूले स्वजनों की आने लगी याद
पति-पत्नी और बच्चों तक सिमट रही परिवार की परिभाषा अब वृहत होने लगी है। लोगों को अपने भूले स्वजनों की याद आने लगी है। लोग वैसे रिश्तेदारों से फोन कर हाल-चाल जान रहे हैं जिन्हें वे भूल चुके हैं। इस दौरान वे एक दूसरे को कोरोना से बचाव की सलाह भी देते हैं।
कोरोना के कारण जीवन शैली बदली
कोरोना के कारण जीवन शैली बदल गई है। लोग भारतीय परंपरा, आयुर्वेद, योग आदि पर विश्वास करने लगे हैं। भारतीय जीवन शैली में जी रहे हैं। शाकाहार को अपनाने लगे हैं। खेती-किसानी पर जोर दिया जाने लगा है।