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CoronaVirus Bihar: लॉकडाउन में बढ़ीं डिप्रेशन व घरेलू हिंसा की शिकायतें, महिलाएं-बच्चे ज्यादा प्रभावित

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन का एक आफ्टर इफेक्‍ट यह भी है। इसके कारण मनोवैज्ञानिक बीमारियों में वृद्धि हुई है। खासकर महिलाएं व बच्‍चे डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 09:05 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 03:51 PM (IST)
CoronaVirus Bihar: लॉकडाउन में बढ़ीं डिप्रेशन व घरेलू हिंसा की शिकायतें, महिलाएं-बच्चे ज्यादा प्रभावित
CoronaVirus Bihar: लॉकडाउन में बढ़ीं डिप्रेशन व घरेलू हिंसा की शिकायतें, महिलाएं-बच्चे ज्यादा प्रभावित

भागलपुर, संजय सिंह। लॉकडाउन में बच्चों और महिलाओं में डिप्रेशन बढऩे की शिकायतें भी मिल रही हैं। महिलाएं जहां अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, घबराहट, बेचैनी जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं, वहीं बच्चे भी चिड़चिड़ापन के शिकार हो रहे हैं। घरेलू हिंसा की घटनाएं भी बढ़ी हैं।

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शहर के एक घर में पुरुष सदस्य कई तरह के व्यंजन बना रहे हैं, ताकि महिलाओं और बच्चों पर लॉकडाउन का प्रभाव कम पड़े। लेकिन हुआ ठीक उल्टा। शाम में एक सदस्य ने चिकन चिली बनाकर पूरे परिवार को खिलाया। जूठे बर्तनों को बेसिन में देखकर श्रीमती जी इतनी भड़क गईं कि घर छोड़कर निकल गईं। बाद में परिवार के सदस्य समझाकर घर लाए।

इधर, स्कूलों में पढ़ाई बंद रहने और ऑनलाइन पढ़ाई में कई तरह की समस्याओं के कारण बच्चे भी चिड़चिड़े हो रहे हैं। दिन भर घर में या तो उधम मचाते हैं या गुमसुम होकर घंटों बैठे रहते हैं। अब टीवी कार्टूनों में भी उनकी रुचि नहीं रह गई है।

लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा की घटनाएं भी बढ़ी हैं। भागलपुर की महिला थाना प्रभारी रीता कुमारी के अनसुार लॉकडाउन के दौरान 12 मामलों में पति-पत्नी के बीच समझौता कराया गया है।

मनोचिकित्सक डॉ. संतोष ने बताया कि कई बच्चों की स्मरणशक्ति पर भी लॉकडाउन का प्रभाव पड़ा है। सुंदरवती महिला महाविद्यालय की मनोविज्ञान की प्रोफेसर सपना ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बच्चों और महिलाओं में नकारात्मकता बढ़ी है। अकेले रहने वाली लड़कियों में घबराहट और भविष्य की चिंता घर कर रही है।

टीएनबी कॉलेज के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि लंबे समय तक कोरोना के भय में रहने के कारण लोगों में मानसिक के अलावा मनोदैहिक तनाव भी उत्पन्न हो रहा है। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज भी तनावग्रस्त कर रहा है।

मानसिक रोग विशेषज्ञ के सुझाव

- अपनी दिनचर्या का पालन करें।

- योग और ध्यान का सहारा लें।

- घर में भी थोड़ा सा टहलें।

- संतुलित आहार लें।

- अपनी परेशानी को घर के सदस्यों से शेयर करें।

- डिप्रेशन के शिकार लोग नियमित दवा लें।

- सप्ताह या 15 दिन में चिकित्सक से मिलें।

मनोवैज्ञानिक के सुझाव

- अफवाहों से दूर रहें।

- बच्चों और पड़ोसी के लिए आदर्श बनें।

- अंधविश्वास का त्याग करें।

- संगीत सुनें, इससे तनाव कम होता है।

- परोपकारी बनें और बाकी लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

- बच्चों को प्रेरक प्रसंगों की जानकारी दें।


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