Move to Jagran APP

Corona winner : 28 मरीजों को मिली छुट्टी, दवा लेकर गए घर

Corona winner भागलपुर में पिछले दो दिनों में 28 मरीजों ने कोरोना को शिकस्‍त दी। अब कोविड सेंटर में 34 मरीज और भर्ती है। जेएलएनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में 25 का इलाज चल रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 02:12 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 02:12 PM (IST)
Corona winner : 28 मरीजों को मिली छुट्टी, दवा लेकर गए घर
Corona winner : 28 मरीजों को मिली छुट्टी, दवा लेकर गए घर

भागलपुर, जेएनएन। 15 और 16 अगस्त को 28 मरीजों ने कोरोना को शिकस्त दी। सभी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज स्थित कोविड सेंटर में दस दिनों से भर्ती थे। सभी को दवाइयां देकर डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज होने वालों में सुल्तानगंज, नाथनगर, शाहकुंड, रंगरा, शाहपुर, नारायणपुर और भागलपुर के रहने वाले हैं। अब यहां 34 मरीज और भर्ती है। वहीं, जेएलएनएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में 25 का इलाज चल रहा है। जीने की आस छोड़ चुके सभी के चेहरे पर स्वतंत्रता दिवस के दिन सेंटर से छुट्टी मिलने पर खुशी दिख रही थी। चिकित्सक डॉ. अमित कुमार शर्मा और स्वास्थ्यकर्मियों ने तालियां बजाकर इनका हौसला आफजाई किया। जिन कोरोना मरीजों को शुक्रवार को टीटीसी से डिस्चार्ज किया गया। उन सभी को दोबारा जांच नहीं हुई। 14 दिनों तक घर पर ही रहने को कहा गया है।

loksabha election banner

कई एंबुलेंस से गये तो कुछ के परिवार वाले भी पहुंचे थे

यहां से डिस्चार्ज होने वाले ज्यादातर मरीजों को सरकारी एंबुलेंस से भेजा गया। वहीं, कुछ के परिवार वाले भी कोविड सेंटर पहुंचे थे। मरीजों ने कहा कि इलाज में किसी तरह की दिक्कतें नहीं हुई। दवाइयां और भोजन भी समय पर मिलता था। नीतू ने दूसरे कोरोना मरीजों को डॉक्टर के बताए नियम का पालन करने की बात कही। सुहानी कुमारी ने कहा कि मुझे पता ही नहीं चला कि कोरोना हो गया। सर्दी-खांसी बराबर होता रहता था। इसके बाद जांच कराए। इसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट आने के बाद मैं डर गई थी, लेकिन डॉक्टर और परिवार का सपोर्ट मिला तो मुझमे हिम्मत आ गई।

कंट्रोल कक्ष में फोन पर मशवरा

कंट्रोल कक्ष में बैठे पदाधिकारी हर दिन कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों का हालचाल ले रहे हैं। भोजन से लेकर दवाइयां और सफाई के बारे में सीधी जानकारी ली जा रही है। वरीय उप समाहर्ता अमित कुमार ने बताया कि हर दिन कोविड सेंटर से मरीजों का नाम और नंबर उपलब्ध होता है। उसी नंबर से बात की जाती है।

जांच का पता नहीं आ गया संदेश

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही रविवार को फिर देखने को मिला। जांच कराने पहुंचे कई लोगों का सैंपल लिया भी नहीं गया था और उनके मोबाइल पर जांच होने का संदेश आ गया। जांच कराने पहुंचे लोगों ने बताया कि निबंधन काउंटर पर मोबाइल नंबर आवेदन में दर्ज कराया था। इस बीच तीन बजे से ही जांच होने का संदेश मिलने लगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.