Corona virus effect : निजी स्कूल के शिक्षकों की टूटी कमर, 21 सितंबर से शुरू होगी नौवीं कक्षा से पढ़ाई
Corona virus effect 23 मार्च से कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। 21 सितंबर से नौवीं कक्षा से पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है। स्कूलों की ऐसी तैयारी है।
भागलपुर, जेएनएन। Corona virus effect : लॉकडाउन में सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बंद है। निजी स्कूलों में अप्रैल से ही ऑनलाइन पढ़ाई ली जा रही है। यूकेजी से सीनियर सेक्शन में पढऩे वालों बच्चों का टेस्ट भी ऑनलाइन हो रहा है। वही, फीस जमा नहीं होने का असर शिक्षकों की जेब पर असर पड़ा है। एक तरह से लॉकडाउन में शिक्षकों की कमर ही टूट गई है। शहर के एक या दो नामचीन स्कूलों की छोड़ दें तो कई स्कूलों में शिक्षकों को पूरे माह के वेतन में भी कटौती की जा रही है। इन स्कूलों में 50-60 फीसद ही वेतन का भुगतान किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद इनके बकाए कर भी भुगतान कर दिया जाएगा।
दरअसल, 23 मार्च से अबतक निजी स्कूल बंद है। सिर्फ शहर में छोटे से बड़े मिलाकर कुल छह सौ से ज्यादा स्कूल हैं। इन स्कूलों में सात हजार के करीब शिक्षक और कर्मचारी हैं। इन कर्मियों को समय पर वेतन का भुगतान नहीं होने से घर की स्थिति खराब हो गई है। जिनका वेतन महीने का 20-30 हजार है उन्हें अभी स्कूलों की ओर से आठ-दस हजार रुपये महीने में मिल रहा है। ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। इधर, कुछ स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि फीस नहीं मिलने की वजह से परेशानी हो रही है। ज्यादातर अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे हैं।
सीनियर सेकंडरी स्कूलों में तैयारी शुरू
21 सितंबर से सरकारी और निजी स्कूलों में नौवीं से 12 वीं तक पढ़ाई शुरू होने की उम्मीद है। निजी स्कूलों में कोरोना से बचाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। स्कूलों में बेंच-डेस्क को पेंट किया जा रहा है। सुबह और शाम भवन और कक्षाओं को सैनिटाइज किए जाएंगे। कुछ स्कूलों में प्रवेश गेट पर ही सैनिटाइज टनल लगेंगे। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को हैंडवॉश और सैनिटाइजऱ भी मुहैया कराया जाएगा। कक्षाओं में भी शारीरिक दूरी का पालन होगा। आनंद राम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य अनंत कुमार सिन्हा ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद यहां छात्र-छात्राओं को बेहतर व्यवस्था दी जाएगी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक सैनिटाइज टनल लगा दिया है। एक और सैनिटाइज टनल लगाया जाएगा। जगह-जगह हैंडवॉश और सैनिटाइजऱ उपलब्ध रहेंगे। एक कक्ष में मात्र 20 छात्रों बैठाया जाएग। दो शिफ्टों में पढ़ाई होगी। शारीरिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
स्कूल प्रबंधन की सुने
-स्कूल बंद होने के बाद भी शिक्षक और कर्मचारियों को हर महीने पूरे वेतन का भुगतान हो रहा है। फीस को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है। सैलरी की कटौती नहीं की गई है। समय पर वेतन दिए जा रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई और टेस्ट भी लिए जा रहे हैं। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। -फादर जोश थेकेल, माउंट असीसि स्कूल।
-स्कूल बंद होने के बाद अभी स्कूल के शिक्षकों को 60 फीसद वेतन का भुगतान किया जा रहा है। स्कूल खुलने के बाद बकाए का भी भुगतान किया जाएगा। कटौती नहीं होगी। फीस को लेकर अभिभावकों और बच्चों पर दबाव नहीं दिया जा रहा है। पाठ्यक्रम ऑनलाइन चल रहा है। -केके सिन्हा, डीएवी, पूर्वी सर्किल।
-शिक्षकों के वेतन का भुगतान ससमय नहीं हो पा रहा है। 30-50 फीसद ही आचार्यों को मानधन रूप में मिल पा रहा है। ससमय वेतन भुगतान नहीं होने से विद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल खुलने के बाद स्थिति सामान्य होगी। -अनंत कुमार सिन्हा, प्राचार्य, आनंद राम ढांढनिया सरस्वती विद्या मंदिर, भागलपुर।
-स्कूल प्रबंधन कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में भी शिक्षक और कर्मचारियों के साथ खड़ा है। वेतन नियमित रूप से दिए जा रहे हैं। पढ़ाई और टेस्ट की व्यवस्था भी ऑनलाइन है। फीस के लिए किसी भी अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाया जा रहा है। -नीलकमल, वरीय शिक्षक सेंट टेरेसा स्कूल।