Corona virus : न तोड़े लॉकडाउन... आप पर हो सकती है कार्रवाई, जेल भी संभव
कोरोना वायरस को रोकने के लिए अभी शहर में लॉकडाउन है। इस दौरान लोगों को घरों में ही रहना है। आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए कुछ समय के लिए घर से निकल सकते हैं।
भागलपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस को रोकने के लिए अभी शहर में लॉकडाउन है। इस दौरान लोगों को घरों में ही रहना है। आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए कुछ समय के लिए घर से निकल सकते हैं। जिला और पुलिस प्रशासन लोगों से लगातार घरों में रहने की अपील कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोग प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे लोगों को छह माह की कैद या जुर्माना हो सकता है। भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर छह माह की कैद और जुर्माना या फिर दोनों ही दंड का प्रावधान है।
डीएम द्वारा जारी आदेशों के अनुसार आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून में पर्याप्त प्रावधान है। भारतीय दंड संहिता की धारा 268 से लेकर 271 में लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने व अपराधा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। धारा 272 में कानून में विक्रय के लिए खाद्य और पेय में अपमिश्रण, धारा 266 व 267 में मुनाफाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है। डीएम ने पहले ही दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकार का उपयोग करते हुए जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। अन्य प्रावधान भी है। जिसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ धारा 188 में कार्रवाई की जा रही है।
धारा 268 : इसके तहत वह व्यक्ति दोषी है जो कोई ऐसा कार्य करता है जिससे उसके आसपास रहने वालों को क्षति, धन हानि व जीवन पर संकट उत्पन्न होता हो।
धारा 289 : जो कोई भी उपेक्षापूर्ण कार्य करेगा, जिसके संबंध में वह जानता है कि इससे किसी का जीवन संकटपूर्ण हो सकता है, किसी रोग का संक्रमण फैलना संभव है फिर भी वह कार्य करता है के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
धारा 270 : परिद्वेषपूर्ण ऐसा कार्य करता और जानता है कि इससे दूसरे को संक्रमण फैलना संभव है पर कार्रावई का प्रावधान है।
धारा 271 : क्वारंटाइन के नियम की अवज्ञा करता है। कोई भी व्यक्ति जहां संक्रामक रोग फैल रहा हो और अन्य स्थानों पर समागम करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियम को जानते हुए अवज्ञा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।