Corona vaccination: कोविशिल्ड का दूसरा डोज अब 42 दिन बाद, पहले 28 दिन बाद ही दिया जा रहा था
Corona vaccination अब कोविशिल्ड टीका का दूसरा डोज 42 दिन बाद ही दिया जाएगा। 42 दिन से पहले पोर्टल पर अब रजिस्ट्रेशन लोड नहीं होगा। इस बीच लोगों ने रजिस्ट्रेशन की जटिल प्रक्रिया पर नाराजगी व्यक्त की है।
जागरण संवाददाता, मधेपुरा। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जिले के विभिन्न केंद्रों पर दी जा रही कोविशिल्ड टीका का प्रथम डोज लेने के 42 दिन बाद ही अब दूसरा डोज दिया जाएगा। 42 दिन से पहले पोर्टल पर अब दूसरे डोज का रजिस्ट्रेशन लोड नहीं होगा। सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया कि पहले कोरोना टीका का प्रथम डोज लेने वालों को 28 दिन के बाद दूसरा डोज दिया जा रहा था। परंतु विभाग के निर्देश पर अब किसी भी व्यक्ति को कोविशिल्ड का दूसरा डोज 42 दिन बाद ही दिया जाएगा। क्योंकि 42 दिन से पहले कोविड पोर्टल पर दूसरा खुराक का रजिस्ट्रेशन लोड नही हो पाएगा। उन्होंने प्रथम डोज ले लिए या आगे लेने वाले लोगों से अनुरोध किया है कि दूसरा डोज के लिए अपने निकट के टीकाकरण केंद्र पर प्रथम डोज लेने के 42 दिन बाद ही पहुंचे। ताकि टीकाकरण केंद्र से आपको लौटना ना पड़े।
18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकारण का वैकल्पिक व्यवस्था करे सरकार
जिले में कोरोना टीका लेने के लिए 18 से 44 आयु वर्ग वाले लोग ऑनलाइन पंजीकरण की जटिल प्राक्रिया से परेशान हैं। इस विश्वव्यापी कोरोना महामारी में टीकाकरण अभियान तो ठीक ठाक चल रहा है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे और तेजी देने की आवश्यकता है। उक्त बातें भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखकर 18 से 44 आयु वर्ग के टीकाकारण की वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।
उन्होंने सरकार से कहा कि 45 वर्ष से ऊपर वालों के लिए तो स्वास्थ्य कर्मी टोले मुहल्ले में बिना कोई पंजीयन के ही टीकाकरण कर रहे हैं। वहीं 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण के लिए उमंग एप या आरोग्य सेतु पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद स्लॉट बुकिंग करानी पड़ती है। यह समाज के दबे कुचले गरीब लोग तकनीकी असमर्थता के नहीं करा पाते हैं। इसके लिए बेहतर विकल्प के तौर पर 45 आयु वर्ग से उपर वाले के तरह ऑफलाइन या टीकाकरण के समय ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऑनलाईन पंजीकरण की व्यवस्था करना बहुत ही आवश्यक है।
पत्र में डॉ. सिंह ने कहा कि गांव के गरीब, मजदूर, महादलित एवं निम्न वर्गीय अतिपिछड़े लोगों को एंड्रॉयड मोबाइल नहीं रहने के कारण या मोबाइल रहने पर भी जटिल प्रक्रियाओं की जानकारी के अभाव में लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन करने वालों के दुकान बंद रहने से उनलोगो को पंजीकरण का विकल्प नहीं मिल रहा है। वे लोग इस संकट के घड़ी में भी पंजीकरण के लिए दर दर भटक रहे हैं। इस परेशानी को देखते व्यवस्था में बदलाव करने की आवश्यकता है। यद्यपि उक्त व्यवस्था से ही समाज के निम्नवर्गीय, अतिपिछड़े, मजदुर, महादलितों को भी सुगमता पूर्वक टिकाकरण का लाभ मिल सकेगा। डॉ. ब्रजेश ने मांग किया कि उक्त मामले में सुधार के लिए बिहार सरकार जल्द वैकल्पिक व्यवस्था बहाल करें।