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े 'कोरोना बाबा' को गंगा घाटों पर पूजने लगीं महिलाएं

बरारी के सीढ़ी घाट पर प्रतिदिन अलग ही नजारा रहता है। सुबह-सुबह दर्जनों महिलाएं घाट पर पान सुपाड़ी कमरधनी अगरबत्ती लड्डू वस्त्र समेत अन्य सामग्री लेकर पूजा कर रही थीं। बरारी की पुतुल देवी ने बताया कि वे लोग कोरोना बाबा की पूजा कर रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 07:28 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 07:28 PM (IST)
े 'कोरोना बाबा' को गंगा घाटों पर पूजने लगीं महिलाएं
े 'कोरोना बाबा' को गंगा घाटों पर पूजने लगीं महिलाएं

भागलपुर [बलराम मिश्र]। बरारी के सीढ़ी घाट पर प्रतिदिन अलग ही नजारा रहता है। सुबह-सुबह दर्जनों महिलाएं घाट पर पान, सुपाड़ी, कमरधनी, अगरबत्ती, लड्डू, वस्त्र समेत अन्य सामग्री लेकर पूजा कर रही थीं। कोई दिन विशेष या त्योहार भी नहीं था। बरारी की पुतुल देवी से पूछने पर जानकारी मिली कि यह कोई आम पूजा नहीं है। वे लोग 'कोरोना बाबा' की पूजा कर रही हैं। यह सुन उत्सुकता से पूछा कि क्या पूजा के बाद आपलोग कोरोना से संक्रमित नहीं होंगी, तो उन्होंने बताया कि वे लोग अपने घरों के पुरुषों के लिए ऐसा कर रही हैं, ताकि वे सुरक्षित रहें। अंधविश्वास के बावजूद साक्षर महिलाएं भी कर रहीं पूजा

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कोरोना को लेकर लोग अंधविश्वास का भी शिकार हो रहे हैं। कोरोना बाबा की पूजा कर रहीं महिलाओं ने जैसा बताया उससे अफवाह फैलने का भी पता चला रहा है। आलम यह है कि पढ़ी लिखी महिलाएं भी कोरोना को दैवीय प्रकोप मानकर पूजा करने लगी हैं। इस दौरान पूजा करने वाली किसी भी महिला ने मास्क नहीं लगाया था। मानों उसकी पूजा मात्र से ही इसका प्रकोप कम हो जाएगा। घर में पुरुष सदस्यों की संख्या अनुसार ही लेती हैं पूजन सामग्री

गोराडीह से आईं कुमकुम देवी ने बताया कि इस पूजा के लिए घर का भाई, बेटा या दामाद सामग्री के लिए रुपये देता है। उसके रुपये से ही वे लोग सामग्री खरीदती हैं। घर में जितने पुरुष उतने ही पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, अगरबत्ती, कमरधनी, टिकली, लहठी और नए वस्त्र पूजा के लिए लेती हैं। गंगा स्नान के बाद वे लोग लाइन में लगकर सभी सामग्रियों के साथ पूजा करती हैं। कमरधनी और नए वस्त्र साथ ले जाती हैं। बाकी सामग्रियों को गंगा में विसर्जित कर देती हैं। गांव में फैली अफवाह को सच मान रहे लोग

पूजा कर रहीं रीता जायसवाल ने बताया कि अचानक गांव में बात फैली की कोरोना बाबा की पूजा करने से संक्रमण खत्म हो रहा है। यहीं नहीं जो इस पूजा के बाद कमरधनी और वस्त्र धारण कर रहे हैं, उन्हें संक्रमण का खतरा नहीं होता है। शिल्पी देवी से जब पूछा कि कोरोना बाबा में किनकी पूजा करती हैं तो उन्होंने हंस कर प्रश्न को टाल दिया।


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