Corona effect : श्रावणी मेला को भी कोरोना, लाखों लोगों को मिलता है रोजगार
Corona effect सुल्तानगंज से देवघर के 110 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ पर लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। लेकिन इस बार इस मेले पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
भागलपुर [नवनीत मिश्र]। आपसी सद्भाव व भाईचारे की मिसाल पेश करने वाला विश्वप्रसिद्ध श्रावणी मेले पर इस बार कोरोना की काली नजर पड़ गई है। श्रावणी मेला हर वर्ष बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराता रहा है। इस बार अभी तक ना तो प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस तैयारी शुरू की है और ना ही दुकानदार सामने आए हैं। सभी स्थिति सामान्य होने की राह देख रहे हैं। श्रावणी मेला सोमवार छह जुलाई से शुरू होने वाला है।
मेले में सामाजिक और धार्मिक विषमता पूरी तरह मिट जाती है। मिट्टी से लेकर कांवर की हजारों दुकानें सज जाती है। सुल्तानगंज से देवघर के 110 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ पर 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। एक महीने के मेले की रोजी से हजारों परिवारों को साल भर तक रोटी मिलती है। मेले का हर किसी को इंतजार रहता है। मेले का अर्थशास्त्र काफी बड़ा है। एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले में लगभग 50 से 60 लाख कांवरिए आते हैं। एक कांवरिया लगभग एक से डेढ़ हजार तक खर्च करता है।
तीन अरब का होता है कारोबार
श्रावणी मेले में तीन अरब से अधिक का कारोबार यहां होता है। इसमें होटल, रेस्टोरेंट, कपड़ा, फोटोग्राफी, पंडा, कांवर, डिब्बा, पूजा-पाठ सामग्री, लाठी, अगरबत्ती आदि के व्यवसाय की तैयारी कई महीनों से होती है। सीताराम चौधरी की ध्वजा गली में कांवर की बेचने की दुकान हैं। बताते हैं कि सावन से लेकर कार्तिक तक कांवर का धंधा चलता है। 15 वर्षों से कृष्णगढ़ में अभिषेक कुमार बंटी की दुकान है। इनका कहना है कि श्रावणी मेले में कांवर दुकानदारों की सुल्तानगंज में बाढ़ आ जाती है। सैकड़ों अस्थायी दुकानें खुल जाती हैं। एक कांवरिया न्यूनतम 200 रुपये कांवर पर खर्च करते हैं। इस तरह एक माह में कांवर व्यवसाय में 50 करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। मेले में डिब्बे की सैकड़ों दुकानें खुलती हैं। एक कांवरिया एक जोड़ा डिब्बा व मिïट्टी के साथ ढकनी 30 से 40 रुपये में खरीदता है। पूरे महीने में 10 करोड़ से अधिक का व्यवसाय डिब्बे से होता है। चाय, नाश्ता व जूस आदि में न्यूनतम 100 से 150 रुपये ये खर्च करते है।
श्रावणी मेले की तैयारी को लेकर प्रखंड स्तर पर कोई सूचना नहीं है। अभी तक मेले को लेकर कोई बैठक भी नहीं हुई है। - प्रभात रंजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सुल्तानगंज