Corona effect : गुजराती खाएंगे भागलपुर के कतरनी चूड़ा का पोहा
भागलपुर से पार्सल स्पेशल ट्रेन द्वारा गुजरातियों के मनपसंद पोहे के लिए जगदीशपुर (भागलपुर) का प्रसिद्ध कतरनी चूड़ा सूरत भेजा गया है। वहीं सत्तू भी गुजराज भेजा गया।
भागलपुर [रजनीश]। लॉकडाउन में लॉक से कुछ बाहर है, तो वह है जायका। भागलपुर से पार्सल स्पेशल ट्रेन द्वारा गुजरातियों के मनपसंद पोहे के लिए जगदीशपुर (भागलपुर) का प्रसिद्ध कतरनी चूड़ा सूरत भेजा गया है। यहां की विशेष आबोहवा में ही कतरनी धान को उसकी खास मीठी खुशबू मिलती है। इसके साथ बिहार के एनर्जी ड्रिंक के नाम से मशहूर सत्तू भी वहां भेजा गया। गुजरात के व्यापारियों ने भागलपुर से कतरनी चूड़ा की खास तौर पर मांग की थी।
कतरनी चूड़ा साधारण चूड़ा की अपेक्षा सुपाच्य माना गया है। इससे पाचन क्रिया ठीक रहती है। वहीं, सत्तू वायु विकार, कब्ज आदि में फायदेमंद है। सत्तू को लोग सीधे, रोटी-लिट्टी में भरकर या लड्ड् बनाकर खा सकते हैं। बिहार में इसे लोग नींबू-नमक आदि के साथ मिलाकर बड़े चाव से पीते हैं। इधर, पश्चिम बंगाल से देसी मछलियां भी भागलपुर भेजी जा रही हैं। मछलियां भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। भागलपुर ने इसके बदले पश्चिम बंगाल को डेढ़ क्ंिवटल घी भेजा है। लॉकडाउन में पार्सल ट्रेन चलने से कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। मांग को देखते हुए पार्सल ट्रेन का परिचालन तीन मई तक जारी रखा गया है। लॉकडाउन में खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए मालगाडिय़ां चल रही हैं। इनसे हर स्टेशन पर सामान उतारना संभव नहीं है। इस कारण मालदा मंडल की ओर से पार्सल स्पेशल ट्रेन से विशेष खाद्य पदार्थों को एक से दूसरी जगह पहुंचाया जा रहा है।
भागलपुर से सूरत के बीच पार्सल स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। सूरत की ट्रेनों में भागलपुर से कतरनी चूड़ा और सत्तू भेजा गया। इसी के माध्यम से पश्चिम बंगाल को घी भी भेजा गया। पार्सल ट्रेन से लॉकडाउन में व्यापारी जरूरी सामान मंगवा रहे हैं। - यतेंद्र कुमार, डीआरएम, मालदा मंडल।
तीन मई तक होगा परिचालन
जमालपुर से हावड़ा के बीच जाने वाली पार्सल स्पेशल ट्रेन का परिचालन व्यापारियों की मांग को देखते हुए तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। इस ट्रेन के चलने से व्यपारियो को काफी राहत मिल रही है। यहां से सब्जी, तारबूज, अन्य खाद्य पदार्थों को पश्चिम बंगाल भेज रहे है। रेलवे ने पार्सल ट्रेन चलाकर बड़ी राहत दी है।