Corona effect : सरकारी कार्यालय में लौटी रौनक, मास्क लगा सैनिटाइजर के साथ पहुंचे कर्मी
लॉकडाउन के करीब चार हफ्ते बाद सोमवार को सरकारी कार्यालयों में रौनक लौट आई है। लोग एहतियात बरतते हुए कार्यस्थल पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी लॉकडाउन जारी है।
भागलपुर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचाव के उपायों के आकलन के आधार पर सोमवार से बिहार में कुछ रियायत के साथ कई काम शुरू हो गया। फिजिकल डिस्टेंसिंग की शर्तो के साथ ग्रामीण क्षेत्रों की सारी दुकानें खोल दी गर्इ। इससे खेती-बारी, निर्माण और रोजी-रोजगार से जुड़े काम फिर से पटरी पर आ जाएंगे। बाढ़ प्रबंधन एवं सड़क निर्माण की योजनाएं भी शुरू हो जाएंगी। एनएच एवं एसएच पर ढाबे और रेस्टोरेंट भी खुल गए।
पिछले 28 दिन से अपने-अपने घरों में कैद रहकर कोरोना वायरस के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए युद्धरत देश की जनता को सोमवार से कुछ राहत मिली। हालांकि अब भी रेड जोन यानी कोरोना से गंभीर तरीके से प्रभावित क्षेत्रों में कोई छूट नहीं दी जाएगी। गृह मंत्रलय की ओर जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट एरिया के बाहर कृषि क्षेत्र में पूरी तरह छूट के साथ-साथ कुछ उद्योगों को भी चलाने की सशर्त इजाजत मिल गई है।
जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन के करीब चार हफ्ते बाद सोमवार को भागलपुर सहित आसपास जिलों में सरकारी कार्यालयों और कॉलेजों में रौनक लौट आई है। शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए कम स्टाफ के सहारे कार्यालयों में कामकाज शुरू हो गया है। करीब माह भर घर में बंद रहने के बाद कोरोना के माहौल में दफ्तर खुलने का असर कर्मचारियों के घरेलू माहौल पर पड़ा। भागलपुर के साथ बांका, खगड़िया, जमुई, लखीसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सुपौल, सहरसा, अररिया, फारविसगंज, कटिहार सहित अन्य जिलों में जिलों में चहल-पहल बढ़ गई है। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारी और अधिकारी मास्क और सैनिटाइजर लेकर आए हैं। शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है। जो भी लोग वहां किसी से काम से पहुंचने हैं, उन्हें सैनिटाइजर देकर हाथ में लगाने को कहा जा रहा है। मुुंगेर रेड जोन है। इस कारण वहां विशेष सख्ती बरती जा रही है।
रेड जोन: ऐसे जिले जहां कोरोना के हॉट स्पॉट हैं। इसमें भी दो प्रकार हैं, आउटब्रेक व कलस्टर। आउटब्रेक यानी ज्यादा प्रकोप वाले जिले। बिहार का सिवान आउटब्रेक वाले रेड जोन में हैं, इसके अलावा मुंगेर, बेगुसराय, गया रेड जोन के कलस्टर वाले जिलों में हैं।
आरेंज जोन: कोरोना के मामले तो मिले लेकिन हॉट स्पाट नहीं हैं।बिहार राज्य के गोपालगंज, नवादा, भागलपुर, सारन, लखीसराय, नालंदा, पटना जिले आरेंज जोन में हैं।
ग्रीन जोन : कोई मामला सामने नहीं आया।
कटिहार : तीन सप्ताह से अधिक समय से वीरान
सरकारी कार्यालयों में सोमवार को काफी हलचल रही। समाहरणालय परिसर सहित अन्य कार्यालयों में अधिकारी से लेकर कर्मी निर्धारित समय से पहुंचने लगे थे। यद्यपि प्रथम दिन अपेक्षित उपस्थिति नहीं रही।
किशनगंज : कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य
सरकारी कार्यालयों में सोमवार सुबह से हलचल दिखी। वैसे तो सभी प्रमुख कार्यालय पूर्व में भी खुले रहते थे लेकिन सोमवार से सभी कर्मियों की उपस्थिति अनिवार्य किए जाने से हलचल बढ़ी।
किशनगंज समाहरणालय परिसर में पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष, एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी, एसडीपीओ अनवर जावेद लॉकडाउन और इस बीच खुले सरकारी कार्यालयों के नियमों पर चर्चा की।
भागलपुर : समाहरणालय पहुंचे अधिकारी व कर्मी
भागलपुर के समाहरणालय में रविवार को ही तैयारी कर ली थी। सोमवार को सरकारी कार्यालयों को कुछ निर्देर्शों को सख्ती के साथ कामकाज करना शुरू कर दिया गया। सुबह 10 बजे के बाद कर्मी और अधिकारी ऑफिस आना शुरू कर दिए।
मधेपुरा : कम रही उपस्थिति
सोमवार को मधेपुरा के सरकारी कार्यालयों में हलचल रही। समाहरणालय परिसर सहित अन्य कार्यालयों में अधिकारी से लेकर कर्मी निर्धारित समय से पहुंचे। यद्यपि प्रथम दिन अपेक्षित उपस्थिति नहीं रही।
सहरसाः कार्यालय में नहीं आए आम लोग
सरकारी कार्यालयों में कामकाज शुरू हो गया है। सहरसा के समाहरणालय, एसपी आफिस समेत अन्य कार्यालयों में कर्मी मौजूद दिखे। हालांकि भीड़भाड़ नहीं दिखी। आम लोग नहीं के बराबर आए। इसके अलावा विकास का काम भी शुरू हो गया है।