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Corona effect : लॉकडाउन का एक माह पूरा, बदलने लगी जीवनशैली

लॉकडाउन का एक माह पूरा हो गया। इस दौरान लोगों की जीवनशैली बदल गई है। घर में सभी का एक साथ समय कट रहा है। फिजूल खर्चे पर अंकुश लग गया है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 04:12 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 04:12 PM (IST)
Corona effect : लॉकडाउन का एक माह पूरा, बदलने लगी जीवनशैली
Corona effect : लॉकडाउन का एक माह पूरा, बदलने लगी जीवनशैली

भागलपुर [रजनीश]। लॉकडाउन को पूरा हुए एक माह से ज्यादा हो गए। इस अवधि में लोगों की दिनचर्या बदल गई। लॉकडाउन के दौरान कुछ इलाकों में भीड़ भी दिखी, लेकिन ज्यादातर परिवारों ने इसका सख्ती से पालन किया। अपने कामों की चिंता में लोग बच्चे से भी नहीं मिल पाते थे, अब 24 घंटे बच्चे के साथ समय बीता रहे हैं। स्पा, रेस्तरां और पार्टी जाने वाले शौकीन लोगों को मलाल जरूर है। पर, लॉकडाउन ने घरों के फिजूल खर्चे पर अंकुश लगाया।

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काम के बोझ से छुटकारा

लॉकडाउन से पहले लोग अपने काम के बोझ तले दबे थे। नाश्ता और भोजन करने का भी समय नहीं मिलता था। अब इनसे इतर होकर पूरा समय घर पर व्यतीत कर रहे हैं। घर में लोग गोलगप्पे से लेकर भोजन का नया रेस्पी बनाना सीख गए हैं।

युवतियां नहीं खरीद पा रहीं प्रसाधान

शहर के प्रसाधान दुकानों में हर दिन युवतिओं और महिलाओं की भीड़ रहती थी। अपने को संवारने के लिए हर दिन कुछ न कुछ क्रीम या फिर अन्य सामानों की खरीदारी करती थीं। दुकानें बंद होने से यह सामानों की खरीदारी नहीं कर रही है। लॉकडाउन की वजह से लड़कियों की जिंदगी से शॉपिंग का क्रेज ही खत्म हो गया।

एक महीने से सजने संवरने का सपना अधूरा

भागलपुर शहर का ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बदल गया है। यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए आधे दर्जन से ज्यादा ब्रांडेड सैलून हैं। हर सैलून में 10 से 15 महिलाएं और युवतियां सजने और संवरने के लिए आती थी। एक महीने से सजने संवरने का काम बंद है। संचालक विक्रांत और अंजनी कुमार सिंह की मानें तो लॉकडाउन में सैलून बंद हैं। कारोबार पूरी तरह ठप है।

स्वच्छ वातावरण मिली सौगात में

लॉकडाउन के पहले शहर की आबोहवा प्रदूषित हो गई थी। एयर क्वालिटी इंडेक्स डेढ़ सौ से दो सौ के बीच रहता था, लेकिन अभी सौ से नीचे पहुंच गया है। गंगा का पानी भी साफ हो गया है। लॉकडाउन ने जिलेवासियों को स्वच्छ वातावरण की सौगात दी है। अभी वातावरण को देखकर यह लग रहा है कि काश ऐसा ही स्वच्छ माहौल हमेशा रहे।

धार्मिक कार्यों में बढ़ी रुचि

लॉकडाउन से पहले लोग टीवी या मोबाइल पर सिनेमा, सीरियल, कार्टून, गेम खेलते थे। लेकिन, जब से दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत की शुरुआत हुई। पूरा परिवार एक साथ बैठकर इसे देख रहा है। धार्मिक कार्यों में लोगों की रुचि बढ़ी है।

सफाई के प्रति बनाया जिम्मेदार

लोग साफ-सफाई के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं रहते थे। खाने-पीने में असावधानी बरतते थे। लॉकडाउन ने लोगों को सफाई के प्रति जिम्मेदार बना दिया। लोग साफ रहने की अहमियत समझने लगे। हर आधे घंटे पर हैंडवॉश कर रहे हैं। मुंह पर रुमाल और मास्क पहनकर चल रहे हैं।


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