Corona effect : शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में जारी किया ऑनलाइन पढ़ाई का निर्देश, तैयारी ऐसी की तैसी
पहले फेज में जिले के मध्य उच्च और उच्चतर विद्यालयों में पढऩे वाले सातवीं से ग्यारहवीं तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना है। इसमें पढऩे वाले लगभग चार लाख बच्चों हैं।
भागलपुर [रजनीश]। शिक्षा विभाग ने लॉकडाउन तक जिले के मध्य, उच्च और उच्चतर विद्यालयों में आनन-फानन में ऑनलाइन पढ़ाई की घोषणा तो कर दी, लेकिन हकीकत यह है कि गुरुजी को ऑनलाइन पढ़ाने का तरीका ही नहीं मालूम है। अब जब विभाग का आदेश है तो ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाने के लिए गुरुजी की क्लास लगेगी। सर्व शिक्षा अभियान में आइटी किए कर्मियों को गुरुजी को ट्रेंड करने के लिए कहा गया है। जिन शिक्षकों को एप और वाट्सएप के माध्यम से पढ़ाने नहीं आता, उन्हें एक घंटे की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद ये बच्चों का ऑनलाइन ज्ञानवद्र्धन करेंगे।
सातवीं से ग्यारहवीं को पढ़ाना है
पहले फेज में जिले के मध्य, उच्च और उच्चतर विद्यालयों में पढऩे वाले सातवीं से ग्यारहवीं तक के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना है। जिले में 250 के करीब उच्च और उच्चतर स्कूल हैं और चार के आसपास मध्य विद्यालय हैं। इसमें पढऩे वाले लगभग चार लाख बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना है। इन बच्चों को उन्नयन एप और वर्ग एक से पांचवीं तक को दीक्षा नेशनल टीचर्स प्लेटफॉर्म फोर इंडिया के माध्यम से पढ़ाई कराने को कहा गया है।
नंबर ऊपर करने के बाद जोड़ा जा रहा एप से
जिले के 90 फीसद सरकारी स्कूलों के प्रधान के पास बच्चों और अभिभावकों का मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं हैं। अब तक महज चार स्कूलों में एक हजार बच्चों के नंबर मिले हैं। इसे एप से जोड़कर पढ़ाई कराई जा रही है।
सरकारी स्कूलों के बच्चे बिना स्मार्ट फोन के ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करेंगे। संसाधन मुहैया कराए बिना ऑनलाइन क्लास का निर्देश सिर्फ खानापूर्ति है। जो बच्चे आज तक स्मार्टफोन को देखें तक नहीं हैं उन्हें इसके सीधे संचालन करने की बात करना विभागीय अदूरदर्शिता है। -राणा कुणाल सिंह, प्रमंडलीय अध्यक्ष, भागलपुर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ।
-अभी चार उच्च विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। जिन शिक्षकों को स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने नहीं आता है, उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। सर्व शिक्षा अभियान में आइटी के कई कर्मचारी और अधिकारी हैं, उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। -संजय कुमार सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी।