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Corona effect : बाबू नैं छै कमाय के कोनो साधन,केना जुटैबै राशन

Corona effect भागलपुर के अकबरनगर के गंगापुर में दो सौ से अधिक घरों में खाने को राशन नहीं है। अपनी व्यथा बतातीं पंचायत के गंगापुर वार्ड पांच की महिलाएं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 03:51 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 03:51 PM (IST)
Corona effect : बाबू नैं छै कमाय के कोनो साधन,केना जुटैबै राशन
Corona effect : बाबू नैं छै कमाय के कोनो साधन,केना जुटैबै राशन

भागलपुर [नमन कुमार]।  कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में एक माह से ज्‍यादा समय से लॉकडाउन है। इस कारण रोज मजदूरी करने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। जानें, भागलपुर के अकबरनगर का हाल। 

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लॉकडाउन के कारण घरों में रहने को मजबूर गरीब परिवारों को रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है। पिछले एक माह से कामकाज बंद है, जिससे घरों में जमा राशि और राशन दोनों खत्म हो गया है। कई घरों का चूल्हा ठंडा पड़ गया है।

अपनी व्यथा बताते हुए अकबरनगर पंचायत के गंगापुर वार्ड पांच के ग्रामीणों ने कहा कि बाबू कमाय के कोनो साधन नाय छे, घरों परिवारों के राशन केना जुटैबे। गांव के मजदूर धनंजय तांती, भवेश्वर तांती ने बताया कि काम नहीं मिलने के कारण किसी दिन भूखे सोना पड़ता है। अभी तक किसी भी प्रकार की मदद नही मिली है। पिछले एक महीने में गांव के मुखिया एक बार भी यहां की हालात देखने के लिए नहीं आए हैं। गांव में साबुन व मास्क का वितरण तो दूर की बात है अभी तक साफ-सफाई व ब्लीचिंग का छिड़काव भी नहीं किया गया है। कामो देवी, खुशबू देवी, मनोरमा देवी, लक्ष्मी देवी ने कहा कि दूध के सहारे पलने वाले बच्चों को भी रूखा सूखा खिलाने को मजबूर है। रोज दूध लेने के लिए रुपये नहीं हैं। बुजुर्ग शिवनारायण यादव, सत्यनारायण यादव, बजरंगी यादव व मुसो चौधरी ने डीलर पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा राहत के नाम पर दिए जाने वाले अनाज में दस किलो अनाज कम दिया जा रहा है। एक महीने में मात्र 10-10 किलो गेहूं और चावल दिया गया है। वह अनाज भी बेकार है।

विनोद यादव ने बताया कि जनधन खाते में राशि आई या नहीं, इसका पता लगाने के लिए तीन दिनों से बैंक के चक्कर काट रहे हैं। कर्ज लेकर परिवार का किसी तरह लालन पोषण कर रहे है। बच्चे भूख के कारण रोते बिलखते रहते है। एक पैकेट बिस्कुट खरीदने के लिए सोचना पड़ता है।


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