Corona effect : लॉकडाउन से बच्चे और व्यस्क होने लगे बीमार
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक भगत ने बताया कि पिछले एक माह से सैकड़ों लोगों ने फोन कर सलाह मांगी है।
भागलपुर, जेएनएन। मां कोरोना आ गया। इसकी रट लगाते छह वर्ष का बच्चा घर में एक कोने में छिप गया। न केवल बच्चे, बल्कि युवा भी परेशान हैं। लॉकडाउन के चलते लगातार घर में रहने और कोराना से जुड़ी तरह-तरह की खबरों ने इनकी बेचैनी बढ़ा दी है।
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अशोक भगत ने बताया कि पिछले एक माह से सैकड़ों लोगों ने फोन कर सलाह मांगी है। एक दो लोगों को भर्ती भी किया गया है। उन्होंने कहा कि 24 मार्च से लॉकडाउन जारी है। शुरुआती दिनों में सब ठीक रहा, लेकिन लगातार घरों में बंद रहने की वजह से बच्चे से लेकर वयस्क तक तनाव में हैं। उन्हें नींद नहीं आती, चिड़चिड़ापन के कारण घर के सदस्यों से बहस भी करने लगे हैं।
टीबी पर खबर भी बच्चे को बना रहे बीमार
डॉ. भगत ने बताया कि छह वर्ष का बच्चा कोरोना आ गया की रट लगाकर घर के कोने में दुबक जाता है। लगातार तीन दिनों तक बच्चे की स्थिति को देखकर उसकी मां ने फोन किया। असल में घर के लोग टीबी पर चिपके रहते हैं। हर चैनल पर लगातार कोरोना की खबर से बच्चा का दिमाग प्रभावित हो गया। घरवालों को टीबी बंद रखने की सलाह दी गई या उसे बच्चों का सीरियल देखने की सलाह दी गई।
फेक खबर भी डाल रहा असर
सह प्राध्यापक डॉ. कुमार गौरव के मुताबिक कोरोना वायरस को लेकर फर्जी सूचनाओं का अंबार सोशल मीडिया पर लगा हुआ है। यह दिमाग पर असर डाल रहा है। इससे घबराहट और चिंता बढ़ रही है।