कोरेक्स : बिना चिकित्सक की पर्ची के ऊंची कीमत पर बिक रही सिरप, आखिर लोग क्यों करते हैं इसका सेवन?
शराब की लत कोरेक्स से बुझा रहे नशेड़ी। प्रतिमाह कोरेक्स व अन्य नशीली दवाओं की करोड़ों की बिक्री। बिना चिकित्सक की पर्ची के ऊंची कीमत पर बिक रही सिरप। इस दवा के ज्यादातर सेवन से लोगों को परेशानी हो रही है।
भागलपुर [संजय सिंह]। ज्यों-ज्यों शराब पर कड़ाई बढ़ रही है, त्यों-त्यों नशेड़ी अलग-अलग तरह के विकल्प खोज रहे हैं। इन्हीं विकल्पों में कोरेक्स समेत अन्य नशीली दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोरेक्स शराब से भी अधिक और जानलेवा है। कोरेक्स को एनडीपीएस एक्ट के तहत खुलेआम बिक्री से प्रतिबंधित किया गया है।
कानून के प्रविधान के तहत बिना चिकित्सक की पर्ची के इसे बेचने पर 20 साल की सजा है।
बावजूद, पिछले एक दशक में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया कि इस मामले में किसी को सजा सुनाई गई हो। अधिसंख्य पुलिस, उत्पाद और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह नहीं जानते कि यह दवा एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। 100 मिलीलीटर दवा की कीमत 126 रुपये है। यह दवा बाजार में 200 से 300 रुपये तक नशेडिय़ों को बेची जाती है। अधिक मुनाफा के लालच में दवा विक्रेता बिना चिकित्सक के पर्ची के ही इसे बेच देते हैं। यह कानूनन अपराध है। थोक विक्रेता भी कच्चे बिल पर माल की आपूर्ति कर देते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि भारत में निर्माण होने के बाद भी इसकी तस्करी नेपाल के रास्ते हो रही है। मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर, किराना और यहां तक की पान की गुमटियों पर भी यह दवा मिल जाती है।
कटिहार जिले के बारसोई बाजार में एक मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान से तीन दर्जन से ज्यादा कोरेक्स सिरप बरामद की गई। मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र स्थित पटोरी पंचायत वार्ड संख्या दो से पुलिस ने 600 कोरेक्स सिरप बरामद की। कोरेक्स की तस्करी रेल मार्ग या फिर सड़क मार्ग द्वारा की जाती है। पूर्णिया बस स्टैंड पर 60 हजार से अधिक कोरेक्स की बोतलें बरामद की गईं।
इसके अलावा यहां के अमौर, धमदाहा और भवानीपुर में भी इसकी बड़ी खेप पकड़ी गई। उधर, सहरसा पुलिस ने कोसी एक्सप्रेस से 547 बोतल कोरेक्स बरामद की। किशनगंज के एक युवक को पश्चिम बंगाल में कफ सिरप की तस्करी करते रंगे हाथ पकड़ा गया। बांका में कूर्मा के मु. मुस्तकीम को और धोरैया से मनोज कुमार को कोरेक्स के साथ पकड़ा गया। कोसी रेंज के डीआइजी शिवदीप बावनराव लांडे ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत बिना चिकित्सक की पर्ची के कोरेक्स बेचना अपराध है, लेकिन शराबबंदी के बाद यह धड़ल्ले से बाजार में बेची जा रही है। कोसी क्षेत्र के सभी एसपी को स्वास्थ्य विभाग की मदद से ऐसे दुकानदारों पर कार्रवाई करने को कहा गया है।
बोले चिकित्सक
कोरेक्स एक कप सिरप है। खांसी होने पर चिकित्सक इस दवा का उपयोग प्रतिदिन दो से तीन बार पांच-पांच एमएल करने को कहते हैं। यह प्रतिबंधित दवा है। इस कारण ज्यादातर चिकित्सक इसे पर्ची में नहीं लिखते। कोरेक्स के अतिरिक्त कई दवाएं इसके विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाती हैं। इस दवा के सेवन से लोगों को नशा जैसा महसूस होता है। इस कारण लोग इसके आदी होने लगते हैं। खांसी नहीं होने पर भी लोग इसका सेवन करने लगते हैं। यह काफी नुकसानदायक है। इसे पीने से नींद आने लगती है। - डा. विनय कुमार झा, वरीय फिजीसियन, भागलपुर