आवंटन के इंतजार में लटका पंचायत सरकार भवन का निर्माण, मजदूरों को भी नहीं मिल रही मजदूरी
कोरोना काल में घर लौटे प्रवासी मजदूरों को सरकार रोजगार देने की बात कही थी लेकिन एक तो यहां कम पैसे में मजदूरी मिल रही है उसका भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। इन्हें भुगतान नहीं हो रहा है।
जागरण संवाददाता, मुंगेर । कोरोना संकट में दूसरे प्रदेश से अपने घर लौटे प्रवासी मजदूरों के समक्ष दोहरा आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। सरकार द्वारा मजदूरों को रोजगार देने की बात कही जा रही है, परंतु वास्तविकता कुछ और कहानी बयां कर रही है। महानगरों में ऊंची कीमत पर मजदूरी करने वाले मजदूर अपने राज्य में कम पैसे पर मजदूरी करने को विवश हैं। उन्हें कार्य करने के एवज में समय पर मजदूरी नहीं मिल पाता है। सरकारी फाइल के सरकने में हो रहे विलंब के कारण मजदूरों को समय पर मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। इस कारण मजदूरों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है।
जिला से प्राप्त नहीं हुई है पूरी आवंटित राशि
मिली जानकारी के अनुसार पड़वाडा पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य बीते अगस्त माह में ही शुरू हुआ। पंचायत सरकार भवन के निर्माण पर एक करोड़ 24 लाख 42 हजार 678 रुपये खर्च होना हौ। कार्य कराने का जिम्मा ग्राम पंचायत को सौंपा गया है। ग्राम पंचायत को योजना क्रियांवयन के लिए पूरी राशि जिला से प्राप्त नहीं हुई है । इधर मजदूरों द्वारा किए गए कार्य के विरुद्ध तीन महीने का मजदूरी बकाया है । कार्यकारी एजेंसी द्वारा मजदूरों को मजदूरी भुगतान के एवज में की मजबूरियां बताई जा रही हैं ।
आवंटन के अभाव में मजदूरी का नहीं हो रहा भुगतान
जिससे तंग आकर आखिरकार मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया है। इस संबंध में ग्राम पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि चंद्रशेखर चौधरी ने कहा कि किए गए कार्य के विरुद्ध 29 लाख की मापीपुस्त का संधारण कर राशि की मांग की गई है, परंतु राशि नहीं रहने के कारण मजदूरों का भुगतान लंबित है। योजना कार्य प्रारंभ होने के समय 11 लाख 42 हजार रुपये पंचायत के खाता में दिया गया था। कराए गए कार्य का मापीपुस्त भेजे हुए एक माह से अधिक हो गया है । जब तक राशि नहीं मिलेगी, तब तक मजदूरी का भुगतान संभव नहीं है। मुखिया प्रतिनिधि द्वारा यह कहा गया कि राशि का आवंटन सही तरीके से ग्राम पंचायत को नहीं मिलने से निर्धारित समय सीमा के अंदर पंचायत सरकार भवन का निर्माण संभव प्रतीत नहीं होता है।
जरा इनकी भी सुनें
बीडीओ श्याम कुमार ने कहा कि 29 लाख का मापी पुस्त संधारित कराकर अधियाचना जिला पंचायती राज पदाधिकारी को भेजा जा चुका है । उनके स्तर से आगे की कार्यवाही की जा रही है।
क्या कहते हैं जिला पंचायत राज पदाधिकारी
जिला पंचायत राज पदाधिकारी स्नेह स्निग्धा ने कहा कि जांच की जा रही है। जांच के बाद राशि आवंटित कर दी जाएगी।
सप्ताह भर में मजदूरी का नहीं हुआ भुगतान तो राजद करेगा आंदोलन
जिला परिषद सदस्य सह राजद नेता मंटू यादव ने कहा कि मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय पर नहीं होने से सरकार की मंशा स्पष्ट होती है । एक सप्ताह के अंदर बकाया मजदूरी का भुगतान नहीं होने पर राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता जन आंदोलन खड़ा करने से पीछे नहीं रहेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता मिथिलेश कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि कोरोना काल में मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय पर करने की आदत अधिकारी और एजेंसी डालें अन्यथा मजदूरों के हित की लड़ाई लोजपा लडऩे में सक्षम है।
मजदूरों की पीड़ा, उनकी ही जुबानी
मजदूर राजेश कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि तीन महीना से काम कर रहे हैं। हमें मजदूरी नहीं मिल रहा है। हम बहुत गरीब आदमी हैं। सत्तू ,नमक, पानी पी कर हम काम करने आते हैं। एक दिन का 300 रुपये मजदूरी मिलता है। बहुत मेहनत से काम करते हैं। लोगों से मांग कर हर जरूरतों को पूरा करते हैं। मुझे तीन लड़का है। जिसे खूब पढ़ाने की इच्छा है, लेकिन पढ़ाई का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। अब हम काम नहीं कर पाएंगे। पैसा मिलने पर ही काम करेंगे। अमित कुमार ने कहा कि जब तक हम लोगों को बकाया मजदूरी नहीं मिलेगा, हम दूसरे मजदूरों को भी काम करने नहीं देंगे। मुखिया द्वारा कहा जाता है कि जब तक जिला से पैसा हमें नहीं मिलेगा, हम भुगतान नहीं कर पाएंगे।