कोल्ड डे और कोल्ड अटैक: नेपाल से लगे किशनगंज के अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या, डाक्टर ने दी विशेष सलाह
भारत नेपाल बार्डर पर स्थित बिहार का सीमावर्ती जिला किशनगंज में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आलम ये है कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। कोल्ड डे और कोल्ड अटैक हो रहा है। डाक्टरों ने विशेष सलाह दी है...
संवाद सहयोगी, किशनगंज : पिछले कुछ दिनों से लगातार ठंड बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बरतने पर लोगों का बीमार होना तय है। सर्दी में खासकर बुजुर्ग और बच्चों का खास ख्याल रखना पड़ता है। अगर लापरवाही बरती गई तो इन पर यह मौसम ज्यादा प्रभाव डालता है और बीमार कर देता है। सरकारी और निजी अस्पतालों में इन दिनों निमोनिया, वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया, सर्दी, खासी, वोमेटिंग के मरीजों की संख्या बढ़ने लगे हैं।
सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी व हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. राहुल कुमार ने बताया की ठंड के मौसम में स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई बीपी की भी शिकायत ज्यादा होता है। बताया ठंड में बीपी बरता है। जिससे हार्टअटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। इससे बचने के लिए बीपी मानिटर रेगुलर करना चाहिए। अगर यदि कोई बीपी का दवाई पहले से ले रहे हैं तो रेगुलर ले। वहीं स्टाक से बचने के लिए नहाते समय डायरेक्ट सिर पर पानी ना डालें पहले शरीर के अन्य हिस्सों को भिंगोए फिर धीरे-धीरे सिर पर पानी डालें।
बताया कि ठंड में जिन्हें पहले से अस्थमा की शिकायत है, उन्हें भी काफी एहतियात बरतने की आवश्यकता है लापरवाही होने पर ठंड में अस्थमा की परेशानी बढ़ सकता है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ा के साथ सर को ढकना जरूरी है। ज्यादा ठंड होने पर बाहर कम निकले और रूम के तापमान को गर्म रखें। बता दे शीतलहर बढ़ते ही सदर अस्पताल में अन्य मरीजों के साथ साथ हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सदर अस्पताल में इन मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया जाता है।
डाक्टर की मानें तो ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा बच्चों, गर्भवतियों और बुजुर्गों का ख्याल रखना चाहिए। कोल्ड अटैक सबसे ज्यादा इन्हीं को होता है। गर्म कपड़े पहने, बच्चों के डायपर को बदलते रहें। बुजुर्गों को यदि जुखाम हो रहा है तो उन्हें तत्काल काढ़ा जरूर पिलाएं।