सर्दी-खांसी और बुखार से पीडि़त बच्चे भागलपुर अस्पताल में भर्ती, RTPCR जांच निगेटिव, सीटी स्कैन से कोरोना के लक्षण
भागलपुर में कोरोना से पीडि़त पहले बच्चे की पहचान हो गई। सर्दी-खांसी और बुखार से पीडि़त बच्चे को चार दिन पहले इमरजेंसी में किया गया था भर्ती। एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच में निगेटिव मिला सीटी स्कैन में कोरोना के लक्षण मिले।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर के पीरपैंती में 10 वर्षीय बालक में कोरोना की पुष्टि हुई है। उसे जेएलएनएमसीएच के एमसीएच वार्ड में भर्ती किया गया है। बच्च के कोरोना संक्रमित होने से यहां घबराहट फैल गई है। चिकित्सकों में इस बात पर मंथन जारी है कि कहीं यह कोरोना के तीसरी लहर का आगाज तो नहीं। चार दिन पहले सर्दी-खांसी और बुखार से पीडि़त इस बच्चे को डा. खलील अहमद की यूनिट में भर्ती किया गया था। पीरपैंती के विधायक ने भर्ती करवाया था। पांच सितंबर को जब सीटी स्कैन किया गया तो बच्चे में कोरोना के लक्षण मिले। उसे एमसीएच वार्ड में भर्ती कर इलाज किया गया। इसकी पुष्टि जवाहरलान नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डा केके सिन्हा ने की है। लेकिन अस्पताल अधीक्षक डा असीम कुमार दास ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
डा. केके सिन्हा ने कहा कि बच्चे को भर्ती करवाने के बाद पीरपैंती विधायक भी बच्चे के इलाज को लेकर मुझसे मिले थे। उन्होंने कहा कि सिटी स्कैन में कोरोना के लक्षण मिलने के बाद उसे एमसीएच वार्ड में भर्ती किया गया। बच्चे को निमोनिया भी था। विभाग के सह प्राध्यापक डा. खलील अहमद ने बताया कि लक्षण कोरोना का रहते हुए भी एंटीजन और आरटीपीसीआर में निगेटिव रिपोर्ट मिला। जब सीटी स्कैन करवाया तो कोरोना की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चार से पांच बच्चों में कोरोना की संभावना देखते हुए सीटी स्कैन करवाने की सलाह दी जाती है, लेकिन स्वजन सीटी स्कैन नहीं करवाते हैं और बच्चे को अस्पताल से लेकर चले भी जाते हैं। अगर उन बच्चों को कोरोना होगा तो अन्य बच्चे या वयस्क भी पीडि़त हो सकते हैं।
वायरल फीवर को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
जिले में वायरल फीवर को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट कर दिया गया है। सभी अफसरों को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा है कि जिला प्रशासन तैयार है। वायरल फीवर को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैयार रहने के लिए कहा गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों पर विशेष नजर रखने के लिए सिविल सर्जन व अस्पताल अधीक्षक को कहा गया है।