Corona virus effect : मोबाइल पर कार्टून और गेम की जगह अब बच्चे दाग रहे सवाल
कोरोना काल में बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। इस दौरान बच्चे भी गेम और कार्टून से परहेज कर रहे हैं। बच्चे खेल खेलने की जगह पढ़ाई में रूचि लेने लगे हैं।
भागलपुर, जेएनएन। पहले बच्चे ऑनलाइन होकर मोबाइल पर कार्टून और गेम खेलते थे। लेकिन, स्कूल बंद होने के बाद मोबाइल से पढ़ाई कर रहे हैं। शहर के निजी स्कूलों में ऑनलाइन बच्चों की पढ़ाई हो रही है। कक्षा चार तक बच्चों को सिर्फ होमवर्क दिए जा रहे हैं और इससे आगे की कक्षाओं में पढऩे वालों को जूम एप, वीडियो के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। जबकि, सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन के नाम पर सिर्फ खानापूरी ही हो रही है। शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए निर्देश जारी किया गया था। सरकारी स्कूलों के 250 के करीब मध्य, उच्च और उच्चतर विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई होनी थी। इसमें से अभी तक आठ स्कूलों में ही पढ़ाई शुरू हुई है।
90 फीसद सरकारी स्कूलों के बच्चों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं
सरकार ने घोषणाएं तो कर दी। लेकिन, हकीकत ठीक उलट है। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले 70 फीसद बच्चों के घरों में आज भी एंड्रॉयड फोन नहीं है। ऐसे में वह कैसे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे? सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे ही पढऩे पहुंचते हैं। ज्यादातर बच्चे ऐसे हैं जिनके घरों में एंड्रॉयड फोन के बारे में जानते तक नहीं। ऐसे में शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन पढ़ाने की कवायद शुरू की है। जिले में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के पास एंड्रॉयड फोन नहीं हैं, ऐसे में वे ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करेंगे।
आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन हो रहा है। विद्यालय के करीब 1700 विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षा स्तर पर 63 व्हाट्एसप ग्रुप बनाए गए हैं। सभी बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। -अनंत कुमार सिन्हा, प्राचार्य। आनंद राम ढ़ाढ़निया सरस्वती विद्या मंदिर।
-अभी छह विद्यालयों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। जिन शिक्षकों को एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल नहीं करने आता है, उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। -संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी।