शहीद रतन के परिजन से मिले CM : शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था कराने का दिया भरोसा
पुलवामा आतंकी घटना में शहीद रतन कुमार ठाकुर के गांव रतनपुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष गृह सचिव और डीजीपी भी थे।
भागलपुर [संजय]। पुलवामा आतंकी घटना में शहीद रतन कुमार ठाकुर के गांव रतनपुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। मुख्यमंत्री दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हेलिकॉप्टर एकचारी के मध्य विद्यालय में उतरा। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष के साथ गृहसचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी थे। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले शहीद की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया। उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पुष्प अर्पित किया।
फिर मुख्यमंत्री ने बेवा राजनंदनी और शहीद के बेटे कृष्ण कुमार से भेंट की। राजनंदनी मुख्यमंत्री के सामने रोने लगी। फिर मुख्यमंत्री ने शहीद के बेटे कृष्ण कुमार से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कृष्ण से बात की। बाद में परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की। शहीद के पिता निरंजन ठाकुर से पूछा कि सरकार से उनकी और क्या अपेक्षा है। इस पर निरंजन ठाकुर ने मुख्यमंत्री से कहा कि शहीद के पत्नी राजनंदनी को शिक्षा विभाग में नौकरी, बेटे को भागलपुर के अच्छे स्कूल में पढ़ाई और भागलपुर शहर में एक आवास की मांग रखी। साथ ही छोटी बेटी नीतू और बेटे मिलन की भी शिक्षा विभाग में नौकरी की बात कही। इसके साथ ही गांव में शहीद रतन ठाकुर के नाम से एक डिग्री कॉलेज खोला जाए।
मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया सरकार उनके परिवार की शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करेगी। इसके साथ ही हर संभव मदद करने को सरकार तैयार है। आवास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी प्रणव कुमार को आदेश दिया कि शहीद के परिजन को रहने के लिए भागलपुर में पन्द्रह दिनों के भीतर आवास की स्थाई व्यवस्था करें।
इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने शहीद के बेटे कृष्णा से पूछा कि पापा कहां गए हैं तो उसने कहा ड्यूटी पर गए है। फिर पूछा पाकिस्तान का नाश कैसे होगा तो उसने हाथ से इशारा करके बताया। कृष्णा की बात शहीद के परिवार के लोग बिलखने लगे। करीब बीस मिनट तक मुख्यमंत्री परिवार वालों से बातचीत करते रहे। जाते समय मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता को कहा कोई दिक्कत हो तो जिलाधिकारी को बताएं। समस्या का समाधान हो जाएगा।
इधर, मुख्यमंत्री जब तक शहीद के घर परिवार वालों से मिलते रहे गांव के लोग मुख्यमंत्री की एक झलक पाने के लिए अपने अपने घरों की छत पर खड़े रहे। कई दफा उन्होंने मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे तक लगाए। हालांकि, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण गांव के किसी भी व्यक्ति को शहीद के घर के पास रहने की अनुमति नहीं दी गई। करीब एक बजे मुख्यमंत्री शहीद के घर से निकले और बेगूसराय के रवाना हो गए।