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उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगी अपनों के लिए सुख व समृद्धि

उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ बुधवार को लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन हो गया। दो दिनों तक पूरा शहर आस्था में डूबा रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 08:36 PM (IST)
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगी अपनों के लिए सुख व समृद्धि
उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर मांगी अपनों के लिए सुख व समृद्धि

भागलपुर। उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ बुधवार को लोक आस्था का महापर्व छठ का समापन हो गया। व्रतियों ने 36 घंटे तक निर्जला पर रहकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की और सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद पारण किया। इसके पूर्व मंगलवार को व्रती समेत श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को नमन किया।

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सुबह-शाम शहर के बूढ़ानाथ गंगा घाट, सीढ़ी घाट, आदमपुर घाट, खिरनी घाट, खंजरपुर घाट, हनुमान घाट, बरारी पुल घाट सहित ग्रामीण क्षेत्रों के ताल-तलैयों पर जुटे और भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिया। बुधवार सुबह में महापर्व की समाप्ति पर श्रद्धालुओं ने व्रतियों का चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया और प्रसाद ग्रहण किया। दो दिनों तक गंगा तट का विहंगम नजारा हर किसी को अपनी और आकर्षित कर रहा था।

रोशनी की थी मुकम्मल व्यवस्था

समाजसेवियों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से गंगा तट से लेकर विभिन्न मार्गो पर रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। जगह-जगह तोरण द्वार बनाए गए थे। जगह-जगह कई संस्थाओं द्वारा व्रतियों के लिए धूप-दीप, अगरबत्ती एवं दूध का निश्शुल्क वितरण किया जा रहा था। बुधवार की तड़के लोग अपने-अपने घरों से निकलकर खुद सड़कों की सफाई कर पानी से धोने में लगे थे। ताकि व्रतियों व श्रद्धालुओं को कहीं अपवित्रता का अहसास न हो।

व्रतियों का चरण स्पर्श कर लिया आशीर्वाद

जो व्रती दंडवत करते हुए गंगा घाट पहुंच रही थीं, रास्ते में श्रद्धालु उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने में लगे थे। वहीं सैकड़ों पुरुष व महिला श्रद्धालुओं ने कष्टी के रूप में गंगा में खड़े होकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।

मेले का खूब लिया आनंद

शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के गंगा घाटों, पोखर व तालाबों पर मंगलवार की शाम की अपेक्षा बुधवार की सुबह भारी संख्या में श्रद्धालु नए परिधानों में सज-धज कर गंगा तट पर पहुंचे उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद वहां लगे मेले का भी जमकर आनंद लिया। चाट-पकौड़े से लेकर समोसे की दुकानों पर लोगों की खूब भीड़ लगी रही। किसी ने गोलगप्पे का स्वाद तो कोई चाट पकौड़े का आनंद लिया।

एसडीआरएफ की टीम लगा रही थी गश्त

शहर के बूढ़ानाथ घाट सहित विभिन्न गंगा घाटों में किसी भी आकस्मिक दुर्घटना से निपटने के लिए ऐहतियातन जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम गश्त लगा रही थी। लाइफ जैकेट पहने एसडीआरएफ टीम को गंगा में एवं घाटों से लेकर हर चौक-चौराहों तथा विभिन्न मार्गो पर पुलिस प्रशासन की सक्रियता देख लोग काफी खुश थे और जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रहे थे।

सेल्फी का बढ़ा क्रेज

गंगा घाटों पर युवा पीढि़यों में सेल्फी लेने की होड़ मची थी। हर कोई अपने सगे-संबंधी, परिजन व मित्रों के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त थे। युवतियां भी किसी से अपने के पीछे नहीं समझ रही थी। गंगा घाटों के विहंगम नजारे का वीडियो करने व सखी सहेलियों के साथ सेल्फी लेकर वहां के आकर्षक नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लेने को उतारू थी।

सबौर के मठ टोला घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़

सबौर में डीपीएस के पश्चिमी छोर एवं पूर्वी छोर मठ टोला घाट पर भी भारी संख्या में संख्या में श्रद्धालु भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने सुबह-शाम पहुंचे और पूरी नेम निष्ठा के साथ उदीयमान एवं अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा-अर्चना की। इसके अलावा खानकित्ता में डॉ.बी चटर्जी के पोखर को एवं शिवायडीह में तालाब को आकर्षक ढंग से सजा कर लोगों ने सूर्य की आराधना की। वहां लगे मेले का भी खूब आनंद लिया। नाथनगर के घाटों पर भी लगी रही भीड़

नाथनगर के चंपापुल घाट, बर्निग घाट, मसकन बरारी, उमेशदास घाट, बंगाली टोला घाट, हारीटोला घाट, मखदूमशाह दरगाह घाट, टिल्हाकोठी घाट, मोहनपुर घाट, साहेबगंज घाट, कुम्हार टोली घाट, किला घाट, दूधिया मंदिर घाट, कस्बा गोला घाट, सखीचंद घाट पर भी लोगों ने पूजा की।


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