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Chaiti Navratri 2021: खुले मंदिरों के पट, मां कालरात्रि की हुई पूजा अर्चना

चैती नवरात्र के सातवें दिन विधिवत मंदिरों का पट खोला गया। यद्यपि कोरोना गाइड लाइन के कारण विशेष आयोजन पर रोक है। मंदिर के पुजारी ने पूजा अर्चना की। कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए मंदिरों में पारंपरिक तरीके से अनुष्ठान किया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 08:15 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:15 AM (IST)
Chaiti Navratri 2021:  खुले मंदिरों के पट, मां कालरात्रि की हुई पूजा अर्चना
चैती नवरात्र के सातवें दिन विधिवत मंदिरों का पट खोला गया।

संवाद सहयोगी, कटिहार। चैती नवरात्र के सातवें दिन श्रद्धालुओं ने आस्था व श्रद्धा के साथ मां दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की विधिवत पूजा अर्चना की। सप्तमी को लेकर विधिवत मंदिरों का पट खोला गया। इसके साथ ही विशेष पूजा अर्चना की शुरूआत हुई। यद्यपि कोरोना गाइड लाइन के कारण विशेष आयोजन पर रोक है। मंदिर के पुजारी ने पूजा अर्चना की। कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए मंदिरों में पारंपरिक तरीके से अनुष्ठान किया जा रहा है।

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कोरोना गाइड लाइन के कारण श्रद्धालु घरों में रहकर ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने विश्व को कोरोना जैसी महामारी से निजात दिलाने के लिए विधिवत पूजा अर्चना की एवं मां दुर्गा से विश्व कल्याण की प्रार्थना की। मंदिरों में विशेष अनुष्ठान के साथ इस महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की जा रही है। सप्तमी को लेकर शहर के बड़ी दुर्गामंदिर, सर्वमंगला दुर्गा मंदिर, लालकोठी स्थिति मंदिर में सहित शहर एवं कस्बाई इलाकों के विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की जा रही है।

लोग घरों में मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक का लोग सख्ती से पालन किया जा रहा है। पट खुलने के बाद भी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ नहीं देखी गई। पट खुलने के बाद विधिवत पूजा अर्चना की गई। पूजा की जिम्मेदारी मुख्य पंडित एवं पुजारी ने ही निभाई। कोरोना के बीच मंदिरों से दूर रहना श्रद्धालुओं को खला। लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर श्रद्धालु भी जागरूक रहे।

पट खुलते ही माता के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल)। चैती नवरात्र के अवसर पर क्षेत्र में हर तरफ श्रद्धा व उल्लास का वातावरण है। शक्ति की देवी की आराधना के लिए मां दुर्गा के दरबार में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सप्तमी के मौके पर माता के दरबार का पट खुलते ही सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों का आगमन शुरु हो गया। क्षेत्र के रतनपुर पुरानी बाजार, समदागढ़ी, सितुहर स्थित दुर्गा मंदिरों में मां कालरात्रि की पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचे। माता की निराली महिमा हर किसी को रिझा रही है। हर कोई माता के भक्ति रस में सराबोर नजर आ रहे हैं। वहीं इस दौरान दुर्गासप्तशती पाठ से क्षेत्र का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है।

महागौरी की कृपा से होती है अलौलिक शक्ति की प्राप्ति

आदि शक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूपांतर श्री महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन और अर्चन किया जाता है। इनकी कृपा से अलौलिक शक्ति एवं सिद्धियां की प्राप्ति होती है। महागौरी अपने भक्तों का कष्ट दूर करती हैं। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। ये मनुष्य के वृतियों को सत्य की ओर प्रेरित कर असत्य का विनाश करती हैं। आचार्य धर्मेन्द्रनाथ मिश्र ने बताया कि इनकी आराधना के दौरान साधक को अपना चित्त सोम चक्र में स्थिर करके साधना करनी चाहिए। माता महागौरी की आराधना से साधक को सोम चक्र जागृत होने की सिद्धियां स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं।  


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