Move to Jagran APP

Chaiti Durga Puja 2021: घोड़े पर आएंगी मां दुर्गा... कलश स्थापना आज, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

चैती दुर्गा पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। कलश स्थापन को लेकर घरों में खास तौर पर तैयारी की जा रही है। 13 अपैल से 22 अपैल तक दस दिन मे मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी ।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 04:34 PM (IST)
Chaiti Durga Puja 2021: घोड़े पर आएंगी मां दुर्गा... कलश स्थापना आज, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त
चैती दुर्गा पूजा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

 संवाद सहयोगी, कटिहार। चैती नवरात्रा मंगलवार को कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाएगा। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए गृह विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत मंदिरों में सार्वजनिक रूप से पूजा नहीं होगी। विभिन्न दुर्गा मंदिरों में पुजारी द्वारा वैदिक रीति से दुर्गा पूजा की जाएगी। इस वर्ष भी श्रद्धालु अपने घरों में ही चैती दुर्गा पूजा मनाएंगे। कलश स्थापन को लेकर घरों में खास तौर पर तैयारी की जा रही है। बाजारों में पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पूजन सामग्री से संबंधित कई अस्थाई दुकानें भी बाजारों में खुल गई है।

loksabha election banner

घोड़े पर होगा मां दुर्गा का आगमन

पंडित चतुरानंद मिश्र ने बताया इस बार मां दुर्गा घोड़ा पर सवार होकर आ रही है। जबकि नर वाहन पर दुर्गा की विदाई होगी। उन्होंने बताया की यह शुभ संकेत नही होता है.। नवरात्रि में कलश स्थापना को महत्वपूर्ण माना गया है । पूजा का शुभ मुहुर्त सुबह आठ बजकर 46 मिनट तक ही है । जबकि अभिजित मुहुर्त 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट पूजा के लिए शुभ समय है. कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के व्रत और पूजा की शुरूआत होगी। नवरात्रि के पहले दिन विधि पूर्वक कलश की स्थापना किए जाने की परंपरा है । 13 अपैल से 22 अपैल तक दस दिन मे मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी ।

कलश पूजा विधि

कलश की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए। पंडित मिश्रा ने बताया कि. इसके लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज को मां दुर्गा का स्मरण करते हुए बोया जाता है।. इसके बाद इस पात्र के ऊपर कलश की स्थापना की जाती है।. कलश में जल और गंगाजल को मिलाक. कलश पर कलावा बांध मुख पर आम या अशोक का पत्ता रखा जाता है। लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रखने के बाद सभी देवी देवताओं का आह्वान होता है। पूजा में विभिन्न् फल,मिठाई आदि के साथ मां दुर्गा का पाठ व आरती विधि विधान ने किया जाना चाहिए । नौंवे दिन दिन नौ कन्या पूजन की परंपरा है। 22 अपैल को हवन व पूजा के साथ कलश का विसर्जन किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.