स्मार्ट सिटी भागलपुर: जैविक खाद बनाने का प्लांट तबेले में तब्दील, पिट में रखा गया है पुशओं के लिए चारा
स्मार्ट सिटी भागलपुर में जैविक खाद बनाने का प्लांट तबेले में तब्दील हो गई है। पिट में स्थानीय पुश पालक चारा भर कर रख रहे हैं। ऐसे में नगर निगम प्रशासन पर सवाल उठने लगा है। लोगों ने बताया कि...
जागरण संवाददाता, भागलपुर। साहेबगंज स्थित भूतनाथ मंदिर मार्ग में नगर निगम की ओर से जैविक खाद यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है। यहां जैविक खाद तैयार होने से पहले ही पशुपालक काबिज हो चुके हैं। जैविक खाद प्लांट के जिस पिट में गीला कचरा रखना है ,वहां पशुओं का चारा रखा जा रहा है।
परिसर में आधा दर्जन गायों को पशुपालकों ने बांध रखा है। गोबर व मवेशी से जैविक खाद प्लांट में तैनात कर्मी को परेशानी हो रही है। निगम के सिटी मैनेजर कई बाद नगर निगम से अतिक्रमण हटाने का आग्रह कर चुके हैं लेकिन निगम प्रशासन अपने ही जमीन से अतिक्रमण हटाने में विफल है।
उद्देश्य भी नहीं हुआ पूरा :
जैविक खाद प्लांट में गीला कचरा वार्डों से संग्रहण कर पहुंचाना है। इसके लिए ट्राइसाइकिल भी 15 दिन पूर्व उपलब्ध कराया गया है। फिलहाल हाल यह है कि 51 में से पांच वार्डों से ही सब्जी बाजार व घरों का गीला कचरा प्लांट तक पहुंच पा रहा है। पिछले दो साल से दो यूनिट जैविक खाद प्लांट का कार्य अब भी अधूरा है। इसमें से एक यूनिट प्लांट का कार्य पूरा नहीं हुआ है। डीप बोङ्क्षरग भी चालू नहीं हुआ है। कचरा कङ्क्षटग के लिए मशीन भी स्थापित नहीं की जा सकी है।
प्रशिक्षण केंद्र के रूप में होगा विकसित :
भूतनाथ मंदिर रोड में यूनिट तैयार होने के बाद उसे प्रशिक्षण केंद्र के तौर पर विकसित करने की योजना है। यहां बताया जाएगा कि किस तरह जैविक खाद तैयार किया जाता है। इसके साथ ही यहां होटल संचालकों को भी प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि वो अपने होटल के गीले कचरे से खाद तैयार कर सकें। इस कार्ययोजना पर भी अमल नहीं हो सका।
महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार : स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को सफाई व्यवस्था की निगरानी की कमान सौंपी जाएगी। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। गीला व सूखा कचरा के उठाव का लेखा-जोखा लेने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर-घर दस्तक देंगी। किसी घर से कूड़े का उठाव नहीं होने पर निगम के सफाई कर्मियों को बुलाकर वहां से कूड़े का संग्रह भी कराएंगी। इससे स्वच्छता का माहौल बनेगा और लोगों में जिम्मेदारी का बोध होगा। प्रत्येक दो सौ घरों पर कूड़ा संग्रह के लिए एक ठेला व एक स्वयं सहायता समूह की महिला को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है।