कैट भवन सिल्क व्यापार में ला देगी क्रांति
बिहार रेशम व वस्त्र संस्थान की जमीन पर बन रही कैट भवन (कंप्यूटर एडेड डिजाइन टेक्सटाइल टेस्टिंग लैब) एक वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। कैट भवन से मिलने वाली सुविधा सिल्क कारोबार में क्रांति ला देगी।
भागलपुर। बिहार रेशम व वस्त्र संस्थान की जमीन पर बन रही कैट भवन (कंप्यूटर एडेड डिजाइन टेक्सटाइल टेस्टिंग लैब) एक वर्ष में बनकर तैयार हो जाएगा। कैट भवन से मिलने वाली सुविधा सिल्क कारोबार में क्रांति ला देगी।
बुनकर ई कॉमर्स के माध्यम से अपने उत्पाद को विश्वस्तरीय बाजार में सीधे उतार पाने में सफल होंगे। इस सुविधा से बुनकर वृहत बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। साथ ही उनके बीच जो बिचौलिया पल रहे हैं उससे भी छुटकारा मिल जाएगा।
पौने चार करोड़ में बन रहा है कैट भवन :
कैट भवन (कंप्यूटर एडेड डिजाइन टेक्सटाइल टेस्टीग लैब) में सिल्क से जुड़े सभी कार्य होंगे। बुनकरों को सरकार कंप्यूटर के माध्यम से विश्व स्तरीय डिजाइन तैयार करेगी। यहां से बुनकर डिजाइन लेकर लूम के सहयोग से कपड़े पर उतारेंगे। विश्व बाजार में जिस तरह की डिजाइन की धूम होगी वह यहां से बुनकरों को प्राप्त हो जाएगी। यहां आधुनिक कंप्यूटर के साथ अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसमे आधुनिक स्टूडियो, इंटरनेट, रंगाई में प्रयोग होने वाला उपकरण समेत अन्य चीजों को लगाया जाएगा। इस भवन से बुनकरों को बेहतर रंग में रंगे कपड़े का निर्माण किस तरह से किया जा सकता है इसका भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एक साल में बन जाएगा भवन, छात्रों को मिलेगा प्रशिक्षण :
पौने चार करोड़ की लागत से बन रहे इस भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। बिहार राज्य भवन निर्माण निगम इसका निर्माण करा रही है। दो मंजिला भवन में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सिल्क संस्थान के छात्र भी यहां आकर प्रायोगिक कार्य कर सकेंगे। इस सुविधा से यहां के छात्रों की जानकारी भी बेहतर होगी।
बुनकरों पर पास नहीं है अपनी डिजाइन :
वर्तमान में बुनकरों के पास खुद की डिजाइन नहीं है। यहां बाहरी व्यापारी आते हैं और वे अपनी डिजाइन देकर इनसे कपड़ा बनवाते हैं। जिस वजह से बुनकरों की अपना कोई डिजाइन नहीं रह पाता है। कैट भवन से इनके पास खुद की डिजाइन हो जाएगी। बुनकर व व्यापारी के बीच जो बिचौलिया कार्य करता है उससे भी मुक्ति मिल जाएगी। वहीं यहां के कपड़ों में रंग की शिकायत होती है। इस शिकायत से भी छुटकारा मिल जाएगा।
इस संबंध में बिहार रेशम व वस्त्र संस्थान के प्राचार्य रमण जी प्रसाद ने बताया कि बुनकरों के लिए यह भवन क्रांति लेकर आएगा। जल्द ही भवन का निर्माण पूरा हो जाएगा। इसके बाद विश्व स्तरीय डिजाइन के साथ यहां के बुनकर बाजार में अपनी उत्पाद को लेकर आ सकेंगे।