Move to Jagran APP

Budget 2022 Expectations: निर्मला सीतारमण के इस बजट से काफी उम्मीदें, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Union Budget 2022 Expectations आम बजट चुनावी हो सकता है ऐसा राजनीतिक गलियारे में चर्चा हो रही है क्योंकि भारत के पांच राज्यों में चुनाव हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें हैं। एक्सपर्ट ने आने वाले बजट पर अपनी राय व्यक्त की....

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:53 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 10:28 AM (IST)
Budget 2022 Expectations: निर्मला सीतारमण के इस बजट से काफी उम्मीदें, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कैसा हो Budget 2022? पढ़ें एक्सपर्ट की राय

जागरण संवाददाता, मुंगेर: 2022-23 का केंद्रीय बजट फरवरी में आना है। बजट को लेकर लोगों में सकारात्मक उम्मीदें देखी जा रही है। खासकर मध्यम आय वर्ग के लोगों को नए बजट से बहुत अधिक उम्मीद है। समाज के प्रबुद्ध लोगों में इस बात की धारना है कि सरकार निम्न वर्ग के लोगों के लिए तो बहुत कर रही है और इसका फायदा भी उनके बीच दिख रहा है। ऐसे में वैश्विक महामारी में आर्थिक रूप से टूट चुके मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए भी सरकार को कुछ करना चाहिए।

loksabha election banner

आरडी एंड डीजे कालेज में अर्थशास्त्र की एचओडी डा. रंजना सिंह ने कहा, 'लोक कल्याणकारी सरकार का यह कर्तव्य है कि आम लोगों के लिए एक ऐसा अर्थतंत्र जो बुनियादी समाधान में कारगर हो। आम बजट 2022-23 में भी पिछले बजट की तरह महामारी से हो रहे आर्थिक नुकसान से निपटने की चुनौती है। भारत दुनिया में सबसे तीव्र विकास दर हासिल करने वाले देश के रूप में सामने आया है। लेकिन असंतुलित विकास के कारण गरीबी एक बड़ी चुनौती के रूप में सरकार के समक्ष खड़ी है।'

(डा. रंजना सिंह, अर्थशास्त्र विशेषज्ञ)

रंजना ने आगे कहा कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का असर थोड़ा बहुत बजट पर भी पड़ सकता है। रोजगार के मोर्चे पर भी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं। सीएमआई के अनुसार रोजगार दर 38 प्रतिशित रहने का अनुमान है। कृषि व उद्योग में रोजगार की संभावना है। कच्चे माल के आयात पर शुल्क को घटाया जा सकता है, ताकि उत्पादन बढ़ाकर निर्यात बढ़ाया जा सके। लग्जरी आइटम के आयात पर टैक्स दर बढ़ाया जा सकता है। मध्यमवर्ग के मन में टैक्स दर घटने की उम्मीद भी बनी हुई है।

(राजेश जैन, पूर्व अध्यक्ष- चैंबर आफ कामर्स)

चैंबर आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष राजेश जैन ने कहा, 'केंद्रीय बजट आमलोगों के उम्मीदों पर खरा उतरे इसकी उम्मीद है। आयकर की दरों को और लचीला बनाए जाने की आवश्यकता है। व्यक्तिगत आय कर की दरों में पाँच लाख की सकल छूट के साथ पांच से सात लाख तक की अतिरिक्त आय में केवल तीन प्रतिशत का कर निर्धरित होना चाहिए। धारा 80 में विनियोग में मिलने वाली छूट की सीमा को देखते हुए डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की मांग पर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए। कृषि उत्पाद के विपणन को बढ़ावा देने के लिए नियमों को सरल होना चाहिए तभी यह क्षेत्र नए उधमियों को आकर्षित कर सकेगा।'

(डा. रामानंद प्रसाद, व्याख्याता-वाणिज्य विभाग)

वाणिज्य विभाग के व्याख्याता डा रामानंद प्रसाद ने कहा, 'पहले की तरह सरकार इस बार भी सर्वसमावेशी बजट बनाएगी ऐसी उम्मीद है। असंगठित क्षेत्र व निजी पेशेवर लोगों को में महामारी में आर्थिक क्षति हुई है, उन्हें डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी योजना से जोडऩा चाहिए। रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलना चाहिए ताकि महामारी में बंद हो चुके रोजगार फिर से प्रोत्साहित हो सके। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने का प्रयास करना, दूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य संरचना का विकास करना, जैसी उम्मीद इस बार के बजट में संभावित है।'

(दीपक कुमार जालान, पूर्व अध्यक्ष-केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट)

वहीं केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार जालान कहते हैं कि सरकार हर वर्ग के लिए तो कई योजनाएं चला रही है, लेकिन मध्यम वर्ग के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है। इसलिए इस बार के बजट में उम्मीद है कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए भी कुछ ठोस राहत भरें पैकेज लाएगी। खासकर आयकर में छूट की उमीद इस बार के केन्द्रीय बजट में मध्यम बर्ग के लोगों को है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.