लखीसराय में मिली भगवान बुद्ध की करीब 1000 वर्ष प्राचीन मूर्ति
तालाब की खोदाई के दौरान काले पत्थर की भगवान बुद्ध की लगभग 10 हजार वर्ष प्राचीन मूर्ति मिली है।
जेएनएन , लखीसराय: लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत रामपुर पछियारी टोला स्थित भेलो तालाब की खोदाई के दौरान शुक्रवार की शाम को काले पत्थर की भगवान बुद्ध की लगभग 10 हजार वर्ष प्राचीन मूर्ति मिली है। करीब ढाई फीट के काले पत्थर के नक्काशीदार मंदिर के चारों ओर ऊपर तथा नीचे भगवान बुद्ध की दो-दो आकृतियां बनी हुई हैं। लेकिन उनकी सभी आठ आकृतियों के चेहरे टूटे हुए हैं। इस टेंपल बुद्धा मूर्ति के दसवीं से बारहवीं शताब्दी के बीच के होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मंदिर के चारों कोने पर बने पीलर एवं मंदिर के ऊपर बना गुंबद भी टूट-फुट चुके हैं। करीब ढाई फीट ऊंची एवं एक फीट चौड़ी इस मंदिरनुमा बुद्ध की मूर्ति का वजन 46 किलो 400 ग्राम है। मंदिर के नीचे कुछ लिखा हुआ है, जिसे अबतक नहीं पढ़ा जा सका है। शांति निकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्राध्यापक अनिल सिंह ने भी बताया कि यह मूर्ति दसवीं से बारहवीं शताब्दी के बीच की है। उस समय ऐसी मूर्तियां स्मृति चिह्न के रूप में लोगों को दान स्वरूप भेंट की जाती थी। उन्होंने कहा कि उस काल की काले पत्थर की भगवान बुद्ध की ढेरों मूर्तियां लखीसराय जिले की विभिन्न जगहों से मिलती आ रही हैं। रामसीर गांव में ऐसी मूर्ति पहले भी मिल चुकी है जो वहां के ग्रामीण के पास है। बालगुदर गांव में भी ऐसी एक मूर्ति मिली थी। लेकिन बाद में वह चोरी हो गई। रामपुर पंचायत के पूर्व मुखिया रामानुज शर्मा ने बताया कि रामपुर गांव के आसपास पहले भी प्राचीन मूर्तियां पाई गई हैं। आज से लगभग दस वर्ष पूर्व उस गांव के समीप एनएच 80 के किनारे काले पत्थर की ढेरों विखंडित मूर्तियां बिखरी रहती थीं। धीरे-धीरे अधिकांश मूर्तियां वहां से गायब हो गईं। बाद में उस गांव में महारानी स्थान का निर्माण होने पर शेष बची मूर्तियों को वहां लाकर उन्हें सीमेंट के माध्यम से लगा दिया गया है।