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JLNMCH : मरीजों पर दलालों का 'डाका', अस्पताल के मरीजों को निजी क्लीनिक भेज देते हैं

जेएलएनएमसीएच में दलाल सक्रिय हैं। जो मरीजों को बहलाकर शहर के निजी क्लीनिकों या शहर के बाहर अस्पतालों में भेजते हैं। इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता है। मरीजों का आर्थिक दोहन होता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:50 AM (IST)
JLNMCH : मरीजों पर दलालों का 'डाका', अस्पताल के मरीजों को निजी क्लीनिक भेज देते हैं
JLNMCH : मरीजों पर दलालों का 'डाका', अस्पताल के मरीजों को निजी क्लीनिक भेज देते हैं

भागलपुर [अशोक अनंत]। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में दलाल बुरी तरह सेंध लगा चुका हैं। ये लोग मरीजों को बहलाकर उन्हें निजी क्लीनिक भेज देते हैं। हाल यह कि पिछले वर्ष 2018 में अस्पताल में भर्ती सात हजार से ज्यादा मरीज बिना चिकित्सक के डिस्चार्ज किए अस्पताल छोड़ कर चले गए।

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इनमें कई मरीज वैसे भी थे जो अस्पताल की व्यवस्था से क्षुब्ध थे। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल के मुताबिक 2018 में अस्पताल से जाने वाले भर्ती मरीजों की संख्या चार हजार है। ज्यादातर मरीज इमरजेंसी से स्थानीय निजी क्लीनिक या अन्य शहरों में गए हैं। जबकि विभिन्न विभागों के एक माह के आंकड़े को देखा जाए तो यह संख्या डेढ़ गुनी से भी ज्यादा है। 2018 के दिसंबर में लेबर रूम में भर्ती 35 मरीज चले गए। इनडोर मेडिसीन विभाग में दिसंबर में 84 मरीज चले गए। इनडोर हड्डी विभाग में नवंबर में 83 मरीज भागे। ट्रामा वार्ड में दिसंबर भर्ती 28 मरीज बिना डिस्चार्ज किए भाग गए। वहीं एक जनवरी से 10 जनवरी 2019 तक इमरजेंसी के मेडिसीन व शिशु विभाग में भर्ती 34 एवं 10 मरीजों को भी परिजन लेकर चले गए। इसके अलावा अन्य विभागों में भी अस्पताल से जाने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। अगर 12 माह का आंकड़ा लिया जाय तो सात हजार से ज्यादा मरीज बिना डिस्चार्ज किए भाग जाते हैं।

दो दर्जन से ज्यादा हैं निजी क्लीनिक व नर्सिंग होम

शहर में दो दर्जन से ज्यादा नर्सिंग होम और निजी क्लीनिक हैं। कुछ नर्सिंग होम में दलाल आए दिन अस्पताल से मरीजों को लेकर जाते हैं।

अस्पताल में दलाल हैं सक्रिय

जेएलएनएमसीएच में दलाल सक्रिय हैं। जो मरीजों को बहलाकर शहर के निजी क्लीनिकों या शहर के बाहर अस्पतालों में भेजते हैं। इसके बदले उन्हें भारी कमीशन मिलता है। इसके अलावा चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल कर्मचारियों द्वारा डांट-फटकार से परेशान होकर भी मरीज भाग जाते हैं।

जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने कहा कि इमरजेंसी में दो बजे के बाद चिकित्सकों की संख्या कम हो जाती है। इस बीच दलाल मरीजों को ले जाते हैं। इमरजेंसी से 75 और इनडोर विभागों में भर्ती 25 फीसद मरीज बिना डिस्चार्ज किए भाग रहे हैं। इसपर रोक लगाने के लिए शीघ्र ही बैठक बुलाई जाएगी।


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